राजनीति ने आर्यभट्ट को अंधेरे में धकेला

 लीक लीक  गाड़ी चले ,लीक चले कुपूत !

लीक छोड़ी तीन चले शायर,सिंह,सपूत!!

उन्हीं में एक नाम हे महानतम वैज्ञानिक आर्यभट का

महान वैज्ञानिक आर्य भट्ट वैश्विक मंच के कनिष्काधिष्ट  है,उनको दुनिया बड़े ही शान व सम्मान से याद करती है ,आज उनका भी आविर्भाव दिवस है,जो  लोपित और लेपित राजनीतिक समय में अधियारी कोठरी केवहकदार भी नहीं रह गए हैं. विश्व के महानतम खगोल शास्त्री हैं महा मनीषी आर्य भट्ट.


भारतीय  गणितज्ञ, ज्योतिषी, एंव खगोलशास्त्री थे  मनीषी आर्य भट्ट.जिनका महत्वपूर्ण योगदान भारतीय गणित, ज्योतिष, खगोलशास्त्र एवं अंकगणित में है। उनका जन्म सम्भवतः 476 ई. पू. अथवा 476 वीं शताब्दी में हुआ था। यहां उनके महत्वपूर्ण योगदानों की कुछ मुख्य बातें हैं:

  1. आर्यभट्टीयम् (Aryabhatiya): उनकी प्रमुख रचना 'आर्यभट्टीयम्' है, जो गणित, खगोलशास्त्र और ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं पर आधारित है। इस ग्रंथ में उन्होंने गणितीय तथ्यों को विस्तारपूर्वक वर्णन किया और खगोलशास्त्र के सिद्धांतों को समझाया।
  2. गणितीय अनुसन्धान: आर्यभट्ट ने विभिन्न गणितीय सिद्धांतों को विकसित किया और उनका अध्ययन किया। उन्होंने पाइथागोरस के रहस्यमय आविष्कार को भी अपनी गणितीय प्रणाली में उपयोग करते हुए विस्तार से विवेचित किया।
  3. खगोलशास्त्र में योगदान: आर्यभट्ट ने सूर्य और चंद्रमा की गति को मापने में अद्वितीय योगदान दिया। उनका 'आर्यभट्टीयम्' में ग्रहों की चाल के सिद्धांतों का वर्णन भी है जो खगोलशास्त्र के विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है।
  4. ज्योतिष में योगदान: आर्यभट्ट ने ज्योतिष शास्त्र में भी अपने गहरे ज्ञान का प्रदर्शन किया। उन्होंने सूर्य और चंद्रमा के ग्रहणों के लिए नियम तथा गणना का वर्णन किया था।

आर्यभट्ट के योगदान ने भारतीय गणित, ज्योतिष, और खगोलशास्त्र को एक नया दिशा दिया और उनकी रचनाएँ आज भी गणितज्ञों और वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं।

आज इसरो सहित सभी शैक्षिक संस्थाओं ने उनको पहचानने से इनकार कर दिया हैं. डॉ श्यामा प्रसाद फाउंडेशन ने अमर वैज्ञानिक को अपनी करांजलि दी है.प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने कहा है हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है,भारत ऋषि और कृषि प्रधान देश है.सरकार को महामनीषी आर्यभट्ट के कृतित्व और व्यक्तित्व से विद्यार्थियों को अवगत कराना चाहिए.

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