मुर्शिदाबाद हिंसा का हैवान मोदी की सेना के गिरफ्त में

 मिल गया मुर्शिदाबाद हिंसा का हैवान, PM Modi की सेना देगी ऐसी सजा, 7 पुश्तों को भी ऐसी गलती करने की नहीं होगी हिम्मत


 पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। हिंदुओं के साथ जो कुछ भी घटित हो रहा है वो मानवता के नाम पर कलंक है।

सैकड़ों परिवारों की जिंदगी में कहर बरपा दिया है। शुक्रवार और शनिवार को विरोध के नाम पर हिंसा, आगजनी और लूटपाट का ऐसा तांडव मचा कि लोग जान बचाने के लिए गांव छोड़ने को मजबूर हो गए। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। शमशेरगंज और धुलियान जैसे हिंसा प्रभावित इलाकों से भागकर आए करीब 500 परिवारों ने मालदा जिले के वैष्णवनगर पारलाल हाई स्कूल में शरण ली है।

पीड़ितों ने क्या कहा?

हिंसा से प्रभावित लोगों की आंखों में आज भी डर और ममता बनर्जी सरकार की पुलिस में असुरक्षा महसूस कर रही हैं। उनकी आंखों में पुलिस और प्रशासन के प्रति उदासीनता साफ झलकती है। पीड़ितों के मुताबिक उन्हें जलते हुए अपने घर छोड़कर नाव से नदी पार करनी पड़ी। अब वे एक स्कूल के छोटे से कमरे में बेजान हालात में रह रहे हैं। एक महिला ने रोते हुए कहा, ‘हमारे पास जो कुछ भी था, सब जल गया। उन्होंने पेट्रोल छिड़ककर घरों में आग लगा दी। उन्होंने पानी की टंकी में जहर मिला दिया। बच्चों ने सुबह से कुछ नहीं खाया है। हमें पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है।’ हम अपनी जान बचाने के लिए नाव से भागे हैं। अगर बीएसएफ और पुलिस नहीं होती तो शायद हम जिंदा नहीं होते।’

पीड़ितों ने लगाया ये आरोप

पीड़ितों ने आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान हथियारबंद दंगाइयों ने महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ की। एक महिला ने कहा, ‘वे बम, बंदूक और चाकू लेकर आए थे। उन्होंने घरों को लूटा, गैस सिलेंडरों में आग लगा दी।’ कुछ ने कहा कि महिलाओं को धमकाया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और घरों में रखे आभूषण, फर्नीचर और यहां तक ​​कि मवेशियों को भी नहीं बख्शा गया। हिंसा के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की 17 कंपनियां तैनात की गई हैं। राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बल मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। अफवाहों के चलते मुर्शिदाबाद, मालदा और बीरभूम के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।

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