बिहार चुनाव के पूर्व आतंकी राणा को फांसी, शिव सेना के संजय राउत का बड़बोला पन

 

'क्या प्रधानमंत्री मोदी किसी को फांसी देते हैं या फिर जज?' संजय राउत को जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने खूब सुनाया

शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने का स्वागत किया, लेकिन राउत ने दावा किया कि तहव्वुर हुसैन राणा को बिहार चुनाव से पहले फांसी दी जाएगी और इसका राजनीतिक फायदा उठाया जाएगा।

इस बयान पर अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने कहा कि संजय राउत की टिप्पणी बहुत ही हास्यास्पद है।

जम्मू – कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘संजय राउत की समझदारी पर मुझे हंसी आती है। इस तरह का बयान देना, क्या फांसी पीएम मोदी देते हैं या फिर जज देते हैं। कसाब को जब फांसी दी गई तो उसके बाद से भी कई रास्ते मौजूद थे। इस तरह का बयान देना मुझे उनकी समझदारी पर हंसी ही आती है। मैं समझता हूं कि ये कोई अच्छा बयान नहीं है। उनको इस बात पर खुश होना चाहिए कि जो 166 लोग इस अटैक में मारे गए और 240 लोग जख्मी हुए। उनके परिवार इंतजार कर रहे हैं कि जिस आदमी ने ये साजिश रची। उसको सजा मिलनी चाहिए। इस बात के लिए मैं समझता हूं कि जांच एजेंसी का और भारत के विदेश मंत्रालय के हार्ड वर्क को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस तरह का पॉलिटिकल गेम नहीं खेलना चाहिए.संजय राउत ने क्या कहा?

शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘यह एक आतंकवादी है जो सीधे तौर पर 26/11 मुंबई हमलों में शामिल था। उसे अमेरिका से भारत लाना एक बड़ी सफलता है और हम अपनी एजेंसियों और भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं। लेकिन मुझे बीजेपी के रवैये पर आपत्ति है। क्या आप उसे मुकदमा चलाने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए यहां ला रहे हैं या सिर्फ यह कहकर श्रेय लेने के लिए कि हम उसे लाए।’ राउत ने सत्तारूढ़ पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि अब आप ‘राणा महोत्सव’ आयोजित करना चाहते हैं। ऐसा मत करो। हम जानते हैं कि इस पर राजनीति हो रही है।’

बिहार चुनाव से पहले दी जाएगी फांसी – संजय राउत

संजय राउत ने कहा कि राणा के खिलाफ मामला कल शुरू नहीं हुआ। 2009 में भारत ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। बाद में तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद सहित भारतीय अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा की। कई सालों की कोशिशों के बाद हम उसे 2025 में वापस लाने में कामयाब रहे। उन्होंने दावा किया, ‘हमें अपनी एजेंसियों और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन ऐसा लगता है कि बिहार चुनाव से पहले वे राणा को फांसी देने की कोशिश करेंगे और देश भर में राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे।’ पल – पल की अपडेट्स के लिए जुड़े रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ…

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