बस्ती, उत्तरप्रदेश
यह सब योगी राज में ,पुलिस संरक्षण में हुआ.आखिर किसका अभिनंदन हो!
जांच का कर्मकांड या दबाने का प्रयास
क्या गरीब की जान इतनी सस्ती है योगी जी
संबंधित के प्रतिकूल अपहरण और लूट का मुकदमा दर्ज हो!
आखिर किस माननीय के दबाव में एफआईआर न हुईं?
संतोष पाण्डेय
बस्ती के दुबौलिया थाने में किशोर आदर्श उपाध्याय की कथित हत्या(मृत्यु) पुलिस संरक्षण में एक गंभीर अनुत्तरित प्रश्न व्यवस्था,सरकार और योगी प्रशासन पर गंभीरतम सवाल है.किशोर आदर्श दुकान पर सुरती खरीदने जाता है,दुकानदार अशोक गुप्ता 55 वर्ष से उसी दौरान कुछ कहा सुनी होती है.बात बढ़ने के बाद स्थानीय पुलिस उपनिरीक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह,अजय गौड़ और सिपाही शिवम् सिंह सादे वेश में आधमके और उपाध्याय को थाने के लिए लेकर फुर्र हो गए.
पूरी घटना इस प्रकार है ...पूरी रात पुलिस कस्टडी में रहे किशोर की मौत के मामले में थानाध्यक्ष लाइन हाजिर व दरोगा तथा सिपाही सस्पेंड
दुबौलिया थाना के ओ भाई गांव के आदर्श उपाध्याय का सोमवार को गांव के अशोक गुप्ता से तंबाकू को लेकर विवाद हो गया था जिसमें सूचना मिलने पर थाने के सिपाही शिवम सिंह व अजय गौड़ सादे वर्दी में किशोर को थाने ले आए थे थाने पर पूरी रात बैठाए रहे वह पिटाई करते रहे परिजनों का आरोप था पैसे की मांग थी पैसा ना मिलने पर किशोर की पिटाई की गई थी जिसको बाद में परिजनों को बुलाकर सपोर्ट किया गया लेकिन घर पहुंचते ही आदर्श खून की उल्टी करने लगा परिजन अस्पताल ले गए लेकिन आदर्श की मौत हो गई मौत के बाद परिजनों ने थाने के सिपाही पर मुकदमा की मांग करने लगे तमाम राजनीतिक दलों व संगठन समाजसेवियों ने धरना प्रदर्शन आंदोलन किया तब जाकर पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर व शिवम तथा अजय गौड़ को निलंबित कर दिया फिर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया तब परिजन माने और बुधवार की रात को अंतिम संस्कार किये
यह सब योगी राज में ,पुलिस संरक्षण में हुआ.आखिर किसका अभिनंदन हो!