लखनऊ, उत्तरप्रदेश
आए दिन हो रही कुत्तों के हिंसा में मौत पर आखिर कब बनाएगी कानून.प्रतिदिन हिंसक कुत्तों द्वारा हिंसा पर सरकार ध्यान देने से परहेज क्यों कर रही??
उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के विकास नगर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपनी 80 वर्षीय मालकिन पर हमला कर उनकी जान ले ली। घटना के बाद से एक बार फिर पालतू कुत्तों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
क्या हुआ था घटना वाले दिन?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते रविवार को मोहनी देवी अपने घर के आंगन में थीं, तभी उनके पालतू कुत्ते ने उन पर अचानक जानलेवा हमला कर दिया। पहले परिजनों को लगा कि कुत्ता किसी बाहरी व्यक्ति पर भौंक रहा है, लेकिन जब उन्होंने मोहनी देवी की चीखें सुनीं, तो तुरंत बाहर भागे। लेकिन जब तक वे बाहर पहुंचे तब तक कुत्ते ने मोहनी देवी के चेहरे, पेट और कमर पर गंभीर घाव कर दिए थे जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
कुत्ते को बहुत प्यार करती थीं मोहनी देवी
बताया जा रहा है कि मोहनी देवी अपने कुत्ते को बहुत प्यार करती थीं और उसे बच्चे की तरह पालती थीं, लेकिन वही कुत्ता अब उनकी मौत का कारण बन गया। परिवार वाले इस हमले से हैरान थे और समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। वहीं सूचना मिलते ही स्थानीय पार्षद ने पुलिस और नगर निगम की टीम को बुलाया। काफी प्रयासों के बाद, नगर निगम की टीम ने कुत्ते को काबू कर लिया और उसे अपने कब्जे में ले लिया।
सुरक्षा पर उठ रहे सवाल??
वहीं इस घटना के बाद पालतू कुत्तों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छिड़ गई है। स्थानीय पार्षद ने कहा कि पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाना चाहिए और कुत्तों के मालिकों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।पुलिस अब यह जांच रही है कि आखिर कुत्ते ने अचानक हमला क्यों किया। इस घटना ने पालतू कुत्तों के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक किया है और इस पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता को उजागर किया है।
कौटिल्यश्री