कुटुंब मिलन के माध्यम से संघ संयुक्त परिवार की प्राचीन परम्परा को कर रहा पुष्ट,, डॉ अवधेश

 “कुटुंब मिलन” कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति एवं पारिवारिक मूल्यों पर विचार-विमर्श


बस्ती। 


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) बस्ती नगर की महर्षि अरविंद शाखा के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा “कुटुंब मिलन” कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर, रामबाग, बस्ती में किया गया। इस अवसर पर संघ के कार्यकर्ताओं, समाज के प्रबुद्ध जनों एवं उनके परिवारों ने सहभागिता की। मंचासीन अतिथियों का परिचय नगर कार्यवाह धर्मराज जी ने कराया। कार्यक्रम का संचालन शाखा कार्यवाह आशीष सिंह ने किया। इस अवसर पर भजन संध्या, अंत्याक्षरी, पति - पत्नी दोनों द्वारा परिवार परिचय आदि कार्यक्रम हुए।

   मंच पर संघ के विभाग संघचालक श्री नरेंद्र भाटिया जी, जिला संघ चालक श्री पवन तुलस्यान जी, नगर संघचालक श्री सुनील मिश्र जी और विभाग प्रचारक डॉ. अवधेश जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

    कार्यक्रम में श्री सुभाष शुक्ल, कुटुंब प्रबोधन प्रमुख अरविंद त्रिपाठी, गो सेवा प्रमुख अखिलेश जी, नीरज जी, दयाभान जी, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह, सरस्वती बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका सिंह, सरस्वती शिशु मंदिर रामबाग के प्रधानाचार्य भानु प्रताप त्रिपाठी, विद्या मंदिर के वरिष्ठ आचार्य विजय प्रताप पाठक, रंजीत सिंह, विनोद सिंह, उपेन्द्र द्विवेदी, अंकित गुप्त, राजीव श्रीवास्तव सहित धर्मराज मिश्र, चंद्र प्रकाश जी, प्रमोद जी, वीरेंद्र जी आदि सभी लोगों ने अपने परिवार का परिचय कराया और संघ कार्यों में पत्नी के सहयोग की चर्चा की। इस अवसर पर श्रीमती अनीता शुक्ला, किरन त्रिपाठी, विभा जी, अनुराधा सिंह , पूनम सिंह, गरिमा सिंह, निर्मला सिंह, अनीता मिश्रा, शांति देवी, मिथिलेश शुक्ला, सरिता श्रीवास्तवा, प्रियंका सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


     कार्यक्रम में विभाग प्रचारक श्रीमान डॉ. अवधेश जी ने अपने उद्बोधन में भारतीय संस्कृति एवं पारिवारिक मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार, भारतीय भोजन, भजन, भवन निर्माण, भ्रमण, भाषा और भूषा हमारी संस्कृति की पहचान हैं। उन्होंने पारिवारिक संस्कारों, समरसता, स्वदेशी अपनाने की भावना और भारतीय मूल्यों को अपनाने पर विशेष जोर दिया।

    उन्होंने आगे कहा कि “परिवार केवल रक्त संबंधों से नहीं बनता, बल्कि यह संस्कारों, परंपराओं और मूल्यों का केंद्र होता है। यदि हम अपने जीवन में भारतीयता को पुनः स्थापित करें, तो हमारा समाज और राष्ट्र दोनों सशक्त बनेंगे।”

     कार्यक्रम में उपस्थित सभी उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे अपने परिवारों में भारतीय मूल्यों का पालन करेंगे, स्वदेशी अपनाएँगे और समाज में समरसता को बढ़ावा देंगे।

   कार्यक्रम के समापन पर हनुमान चालीसा एवं आरती का आयोजन किया गया। इसके पश्चात सभी को भारतीय परंपरा के अनुरूप सात्विक भोजन भोजन मंत्र के साथ परोसा गया ।

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