सुब्रह्मण्यम स्वामी ठीक कह रहे हैं।… उत्तरोत्तर यह स्पष्ट होता गया है कि मोदी और अमित शाह का हिंदुत्व फेंक हिंदुत्व है,इनके लिए हिंदू भावनाएं भडकाना,हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण आपने पक्ष में करवाना सत्ता की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुंचने का जरिया भर है।इन्हें हिंदू हितों से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
आइए,जरा आकलन करें कि मोदी की नीतियों से हिंदुओं को क्या मिला और मुसलमानों,ईसाईयों तथा भाजपा विरोधी दलितों को क्या मिला?
भाजपा शासनकाल में इस बात का बहुत ढोल पीटा जा रहा है कि राम जन्म भूमि मंदिर बन गया,कश्मीर से धारा ३७० समाप्त कर दी गयी।कश्मीर से धारा ३७० हट गयी तो क्या वहां से सारी संपत्ति लूट कर भगा दिए गये हिंदुओं को उनकी संपतियां वापस मिल गयीं?…क्या कश्मीर में उनका पुनर्वास हो गया?…. कतई नहीं!… बगैर हथियारों के कोई हिंदू मुस्लिम बहुल इलाके में भारतीय पुलिस और भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था और न्यायिक व्यवस्था के होते हुए सुरक्षित रह ही नहीं सकता है!… आपने ठीक पढा है।मैंने यही लिखा है कि भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था और न्यायिक व्यवस्था भारत सरकार की ही तरह हिंदू विरोधी हैं।यह हमें कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करती, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए खतरा है। हमें आत्म रक्षार्थ आग्नेयास्त्रों की अनुज्ञप्ति नहीं देती है और अगर मजबूरी में आपने बिना अनुज्ञप्ति के हथियार रख लिया तो जेल में डाल देती है।इसके विपरीत मुसलमानों के घरों में अवैध हथियारों का जखीरा रखे जाने की पुष्ट सूचना मिलने पर भी यह व्यवस्था खामोश रहती है।
स्रोत सोशल मीडिया
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, राबर्ट वाड्रा यानि पूरा नेहरू-गांधी परिवार जमानत पर छूटा है। अदालतें उन्हें जमानत देकर सो गयी हैं।क्या यह सरकार की सहमति से नहीं है?… भाजपा इन मुकदमों के आधार पर कांग्रेस और उसके नेताओं पर चुनावों के समय कीचड़ उछालने का बहाना बचाए रखना चाहती है, अपराधियों को दंडित करने में उसकी कोई रूचि नहीं है।यह तो सुब्रमण्यम स्वामी की हिम्मत है कि वे बेबाकी से अपनी बात सार्वजनिक रूप से कह पाते हैं।