सिसोदिया ने कहा दिल्ली के स्कूल अमेरिका से अच्छे,पर उनका बच्चा अमेरिका में क्यों पड़ रहा.,दिल्ली का संकल्प , भाजपा ही विकल्प
एकाउंटिंग का एक नियम है कि एक लेज़र मे यदि पैसा आया तों किसी ना किसी लेज़र से गया भी होगा साथ ही यदि पैसा आया है तों आपको भी कुछ वस्तु या सेवा देना पड़ेगी या रिटर्न करना पड़ेगा अन्यथा ऑडिट मे फसोगे।
केजरीवाल की फ्रीबीज इसी तरह काम करती है, केजरीवाल के पास महज तीन विभाग ही है विद्युत, हॉस्पिटल और स्कूल। केजरीवाल ने बिजली मुफ्त कर दी।
जाहिर है किसी के 200 यूनिट के पैसे बचे है तों किसी की जेब से जाएंगे भी। केजरीवाल ने फुटपाथी व्यापारियों पर टैक्स और बिल लाद दिए। जिसे बिजली मुफ्त मे
मिली उसे बाजार मे 100 रूपये की चीज 110 की पड़ रही है।
केजरीवाल के पास पैसा बराबर आ रहा है, लेकिन इस पैसे को वो और फ्रीबीज मे दिखा रहा है और जो आ रहा है उसे अपनी जेब मे डाल रहा है। जब कमी पडती है तों आरोप लगाने के लिये केंद्र सरकार तों है ही।
एक और उदाहरण लीजिये मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के स्कूलों की तुलना अमेरिका से की है लेकिन अपने बेटे को पढ़ने के लिये अमेरिका ही भेजा है। वो ठीक है मगर उसके लिये लोन बैंक से नहीं लिया बल्कि रमेश मित्तल नाम के एक व्यक्ति से लिया।
रमेश मित्तल पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी का चेयरमेन है, जैसे ही पंजाब मे सरकार बनी तों रमेश मित्तल का भाई अशोक मित्तल राज्यसभा सांसद बना। है ना कितने कमाल का खेल?
केजरीवाल को लग रहा है कि वो कुछ नया पढ़े लिखें वाला काम करके स्कैम कर रहा है मगर सच पूछो तों ये लालू प्रसाद यादव की भी सस्ती कॉपी है। जो व्यक्ति निम्न स्तर का है वो उतना ऊपर उठ भी नहीं सकता।
सिसोदिया ने कहा दिल्ली के स्कूल अमेरिका से अच्छे,पर उनका बच्चा अमेरिका में क्यों पड़ रहा.,दिल्ली का संकल्प , भाजपा ही विकल्प
आप खुद उदाहरण देख लो क्या मुलायम और लालू योग्य नहीं थे? लेकिन कभी अपनी पार्टी को एक क्षेत्र से बाहर नहीं ला सके क्योंकि सोच से निम्न स्तरीय है। हमारे नायडू साहब और सुशासन कुमार भी इसी केटेगरी मे आते है।
जब राजनीति मे लगने लग जाए कि आप पारंगत हो गए है और जनता को मूर्ख बनाकर अनंत काल तक शासन कर लोगे तों समझ लो अब उल्टी गिनती भी शुरू हो जाएगी। लेटेस्ट उदाहरण दुष्यंत चौटाला और उद्धव ठाकरे का अंत आपके सामने है।
केजरीवाल को हटाकर बीजेपी लाने से क्या ये समस्या समाप्त होंगी? इसका उत्तर हाँ के आसपास है, एक बात की गारंटी है कि दिल्ली की सड़के साफ हो जाएगी, यमुना की समस्या बहुत हद तक बीजेपी सुलझा देगी।
पैसो का रास्ता खुला रहेगा तों बड़े प्रोजेक्टस पूरे हो जायेंगे। केजरीवाल नहीं रहेगा तों मेट्रो और तेजी से विस्तार कर पाएगी इसलिए बीजेपी ही बेहतरीन विकल्प है। अरविन्द केजरीवाल का अंत वैसा ही होना चाहिए जैसा उद्धव ठाकरे, लालू प्रसाद यादव और दुष्यंत चौटाला का हुआ.
सिसोदिया ने कहा दिल्ली के स्कूल अमेरिका से अच्छे,पर उनका बच्चा अमेरिका में क्यों पड़ रहा.,दिल्ली का संकल्प , भाजपा ही विकल्प .