जिला शिक्षा अधिकारी के यहां छापे में मिले करोड़ों

हापतनपटना र के बेतिया जिले में DEO यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कुबेर का खजाना मिला है। विशेष निगरानी इकाई ने गुरुवार को पश्चिम चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर छापा मारा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने अपनी 20 वर्षो की सेवा में करोड़ों की अवैध कमाई की। विजिलेंस की टीम ने गुरुवार को छापेमारी की तो घर से बड़े पैमाने पर कैश बरामद हुआ। यह रकम इतनी बड़ी है कि बिस्तरों पर नोटों के बंडल दिख रहे हैं और इस कैश कि गिनती के लिए मशीनें लगाई गई हैं।

पटना,


जिला शिक्षा अधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर पर जिस समय विजिलेंस की टीम छापेमारी को पहुंची तो वह पूजा कर रहे थे। विजिलेंस की टीम ने बेतिया में रजनीकांत प्रवीण के आवास पर छापेमारी की है तो वहीं समस्तीपुर में सुसराल और दरभंगा में भी कार्रवाई की जा रही है। जानकारी मिली है कि इन्होंने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये कमाए। छापामारी की यह कार्रवाई बेतिया, समस्तीपुर और दरभंगा में चल रही है। विशेष निगरानी इकाई को छापामारी के दौरान भारी मात्र में नकद बरामद हुआ है। विशेष निगरानी इकाई को विश्वसनीय स्रोत से जानकारी प्राप्त हुई थी कि रजनी कांत प्रवीण, जो वर्तमान में जिला शिक्षा पदाधिकारी, बेतिया (पश्चिम चंपारण) के पद पर पदस्थापित हैं, ने वर्ष 2005 से अब तक की अवधि के दौरान अवैध रूप से आपराधिक षडयंत्र को आगे बढ़ाने के लिए लगभग 1,87,23,625 रुपये की भारी चल एवं अचल संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के वैध स्रोत से अधिक है।

रजनी कांत प्रवीण बिहार राज्य शिक्षा विभाग के 45वें बैच के अधिकारी हैं। वे वर्ष 2005 में सेवा में आये और दरभंगा, समस्तीपुर एवं बिहार के अन्य जिलों में शिक्षा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत रहे। उनकी कुल सेवा अवधि लगभग 19-20 वर्ष है। रजनी कांत प्रवीण की पत्नी सुषुमा कुमारी एक संविदा शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी है और वर्तमान में ओपन माइंड बिरला स्कूल, दरभंगा की निदेशक, वास्तविक मालिक के रूप में कार्य कर रही हैं और रजनी कांत प्रवीण के अवैध रूप से अर्जित धन से इस संस्थान कर रही है।

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