पड़ोसी देश नेपाल को कम्युनिस्ट देश बनाने में दिल्ली (राजीव और सोनिया)का भी था दबाव

 पड़ोसी देश नेपाल को कम्युनिस्ट देश बनाने में दिल्ली का भी था दबाव 


पड़ोसी देश नेपाल को कम्युनिस्ट देश बनाने में दिल्ली का भी था दबाव

तत्कालीन  सरकार नेपाल के हिंदू स्वरूप से असहज रहती रहती थी, जिसका लाभ चीन और नेपाल के कम्युनिस्टों ने खूब उठाया और नेपाल का वास्तविक स्वरूप समाप्त होगया.

नेपाल का  हिंदू स्वरूप समाप्त कराने में  राजीव और सोनिया का परोक्ष हाथ था.कपिलवस्तु के सांसद अभिषेक - प्रताप शाह ने गत  दिनों कुशीनगर आगमन पर कहा कि नेपाल के हिंदू राष्ट्र से कम्युनिस्ट देश बनने में तत्कालीन दिल्ली सरकार का भी दबाव था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ नेपाल गई उनकी पत्नी सोनिया गांधी को ईसाई होने के नाते भगवान्  पशुपति मंदिर में प्रवेश से रोका गया था। नेपाल की परंपरा के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर में गैर हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते। यही कारण था, जब नेपाल को कम्युनिस्ट देश बनाने की साजिश शुरू हुई तो दिल्ली  दरबार ने उनका सहयोग किया। शाह शनिवार को कुशीनगर में 'पूर्वांचल एवं विकास' विषय पर  अखबार की तरफ से आयोजित  विमर्श में मंच साझा कर रहे थे।


बदलते परिवेश में भारत नेपाल संबंध' सत्र में शामिल शाह ने कहा


•  विमर्श में नेपाल के सांसद ने साझा किया नेपाल का परिदृश्य


• कहा- राजीव गांधी के साथ आई सोनिया को पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश न देने पर बनाया गया दबाव


कि यह भारत-नेपाल के धार्मिक संबंध तोड़ने की कोशिश थी, जी अब भी जारी है। मुझे यह कहने में हिचक नहीं है कि नेपाल में चाइनीज एक्टिविटी बढ़ी हैं। धारा 370 हटाते ही नेपाल के नवरी का मामला उठा, जिसे चीन ने उठवाया था। भारत- नेपाल के मजबूत रिश्तों की वकालत करते हुए शाह ने कहा कि नेपाल अपनी युवा शक्ति को भारत की सेना की तरफ से लड़ने के लिए भेजता है।


कार्यगल में नेपाल के युवा भी शहीद हुए हैं। हम विश्वास दिलाते हैं कि नेपाल हो सकता है तो आ नेपाल और आइआइने होना चाहिए। नेपालकी या भारत से साझा होगी तो ये जिते और मजबूत होंगे। शाह ने बुद्ध की चरा से राम का उद्‌घोष भी किया। ओलीक हैं नेपाल में भी अयोध्या है। अच्छा है, अब दो-दो राम मंदिर बनेंगे। एक अयोध्या में और एक नेपाल में।


नेपाल के पूर्व गृह राज्यमंत्री देवेंद्र सिंह कंडेल ने कहा कि भारत नेपाल का संबंध रोटी बेटी का है। यह चलता रहेगा। कुछ लोग इसमें दरार डालना चाहते हैं। हो, भारत को भी यह न रखना होगा कि यह बातों से बहलाने का वक्त नहीं है।

राजेंद्र नाथ तिवारी


Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form