एसडीम भानपुर की गाड़ी ने पत्रकार के मोटरसाइकिल को , मारा धक्का, मरना था पक्का . पर भाग्य ने बचा लिया.

 बस्ती 

एसडीम भानपुर की गाड़ी ने मारा धक्का,


मरना  था पक्का .

पर भाग्य ने बचा लिया.

 आज प्रातः 10:00 बजे केआस पास  एसडीम भानपुर की गाड़ी नंबर यू पी 51 जी पानी की टंकी

की ओर आ रही रही थी ,काली मंदिर आवास विकास मोड़ के पास पत्रकार मनोज कुमार  की मोटर सायकिल यूपी 51एजे 0107गाड़ी पीछे से ठक्कर मार दिया.गाड़ी धक्का लगनेवाले बाद 

एसडीएम,भानपुर,गनर  और  अन्य स्टाफ के साथ चलते बने यह तो कहना असंभव हे कि उन्हें पता नहीं रहा होगा.धक्का इतना तेज था कि उनकी गाड़ी का कलर छूट कर मनोज की मोटर सायकिल घर्षण के कारण चिपक गया.कुछ लोगों ने पानी की टंकी तक दौड़कर पकड़ने का प्रयास किया पर गाड़ी एसडीएम भानपुर की थी कैसे पकड़ में आती?

भाग्य था की अनहोनी नहीं होपाई पर साहब बहादुर ने अपनी प्रशासनिक व सामाजिक दायित्व तक निभाने से परहेज कर दिया.उनके पास इतनी भी संवेदना नहीं बची कि गाड़ी रोक करके एक सामान्य आदमी या पत्रकार की चोट का हाल-चाललते. घटना   दुर्घटना किसी से भी हो सकतीहै , पर जब गाड़ी पर एसडीएम बैठे हों तो उनसे विवेक की अपेक्षा करनी ही चाहिए. उनका  फोन भी उठने से ही मना कर दिया.फोन किया गया फोन उन्होंने नहींउठा.

ईश्वर की कृपा थी कि पत्रकार  बच गया अन्यथा क्या होताक्या ? एसडीएम ने अपने दायित्व का. निर्वहन न करके गंभीर सामाजिक अपराध किया है. यह  घटना पूर्वाग्रह का मामला भी बनता है नौकरशाही अपने को सर्वोपरि मानकर कुछ भी करने से बाज नहीं आरही.उनका दायित्व था घटनाग्रस्त व्यक्ति का हाल-चाल पूछते उसके बाद वह जा सकते थे पर अहंकार को स्वीकार कर पत्रकार काहाल-चाल लेना उनके चाल चरित और  चेहरे में नहीं नहीं था.

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form