कांग्रेस की सत्ता वापसी की बेताबी,पर जनता से क्रेडिबिल्टी गायब,जैसे जिलेबी की खेती!

 क्या राहुल बहादुरशाह  जफर होंगे?

कांग्रेस केलिए?

भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी की क्रेडिबिलिटी जनता में निगेटिव में चल रही है। आज ले दे कर कुछ असामाजिक और स्वार्थी तत्व जिन्हें भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी अपनी कट मनि का कुछ हिस्सा उन्हें भीख मे दे देती है , उन्हीं के बूते पर पार्लियामेंट में ५०+- सीट पा जाती है।

पिछले पांच साल से पावर में न रहने और नोट बंदी के कारण उस कट मनि का खज़ाना भी ढीला हो गया है। नया स्रोत बन नहीं पा रहा है। इस लिए भ्रष्टाचारी कांग्रेसी तत्व बिलबिला रहे हैं। बजाय जनता में अपनी छवि सुधारने के लिए कुछ सार्थक करने के, आज भी वह मुस्लिम तुष्टिकरण और मोदी हटाओ मोड से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में जनता ने इन्हें अपनी इमेज सुधारने का मौका दिया है लेकिन अब तक इन प्रदेशों में ऐसा कुछ भी पाज़िटिव नहीं किया है जिससे जनता में इनका विश्वास बढ़े। वह आज भी " हम नहीं सुधरेंगे " के रास्ते पर चल रहे हैं। सत्ता के लिए कर्नाटक में हो रहे घमासान ने इनकी इमेज और खराब की है। कट मनि की कमि के चलते कपिल सिब्बल ने अपना टीवी चैनल " तिरंगा" बंद कर दिया है। कर्मचारियों को ६ महीने से तनख्वाह नहीं दिया है। बरखा दत्त बेरोजगार हो गई हैं।

यूपी के सोनभद्र इलाके में जमीन विवाद के चलते हुए सामूहिक हत्या कांड में घी डालने के लिए भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका वाड्रा गांधी धारा१४४ तोड़ते हुए सोनभद्र पहुंच गई हैं अपनी ओछी राजनीति चलाने। आप क्या समझते हैं, इन हरकतों से भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी जनता में अपना विश्वास वापस पा सकती है? आम चुनाव के पहले भी तो चाय पर चौपाल और दलित के घर में खाना खाने का ढोंग किया था? क्या मिला था एवज में ? इन्होंने न सुधरने की कसम खा रखी है।

दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में बीजेपी सरकार अपने पिछले पांच साल में स्वच्छ और दूरदर्शी प्रशासन के जरिए जनता के बीच अपनी छवि और सुधारी है। इस आम चुनाव का रिजल्ट इसका गवाह है। आज भ्रष्टाचारी कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों में बीजेपी पार्टी में सामिल होने की होड़ मची हुई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भ्रष्टाचारी कांग्रेस तो छोड़िए, पूरा विपक्ष ही खत्म हो जाएगा जो लोकतंत्र के लिए किसी भी तरह सही नहीं है।

अगर भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी वापस जनता का विश्वास जीत कर सत्ता में वापस आना चाहती है तो उसे आने वाले अगले पांच साल में कुछ ऐसा सकारात्मक करना होगा जिससे जनता में विश्वास हो कि हां, ये वाकई सुधर रहे हैं। कटहल की बेल और पुदीने के पेड़ का सपना जनता को दिखाना बंद करना होगा।

सबसे पहले भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति छोड़ना होगा। " देश के संसाधनों पर माइनारिटी का पहला हक है " सोच वालों को बिना देर किए पार्टी से बाहर निकालना होगा। कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद, कपिल सिब्बल, दिग्विजयसिंह और मणिशंकर अय्यर सरीखे संदिग्ध लोग जिनपर सिखों के सामूहिक हत्या से लेकर मुस्लिम तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, छुटकारा पाना होगा।

यक्ष प्रश्न यह है कि अगर इन सब कूड़ो को बाहर कर दिया तो फिर भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी में बचेगा क्या? इस सवाल का जवाब भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी खोजना है । हल सिर्फ एक है। स्वच्छ सोच के साथ नई सुरुआत करना होगा।

अगर केजरीवाल जैसी बी टीम बनाकर फिर पब्लिक को झांसा देने की कोशिश की या माइनारिटी तुष्टिकरण की राह पर चलते रहे तो भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी अब कभी भी सत्ता में वापस नहीं आ सकती। हर हाल में उसे अपने उपर लगे " भ्रष्टाचारी " का तगमा हटाना होगा।

अकेले कांग्रेस ईमानदार बाकी सब?????

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