वारणसी से एक यह कैसे विद्वान की कहानी है ,जसने चारसौ पुष्के लिख कर रिकॉर्ड कायम किया हे.। 80 करोड़ की संपत्ति के मालिक और जाने माने लेखक एस.एन खंडेवाल आज अपनी जिंदगी किसी आलीशान बंगलें में नहीं बल्कि एक वृद्धाश्रम में गुजार रहे हैं।
उन्हें उनके ही बच्चों ने संपत्ति से बेदखल कर दिया।
घर से निकाल दिया
लेखक एस.एन कहना है कि उनका जन्म बनारस में हुआ था, लेकिन अब वह वृद्धाश्रम में रह रहे हैं। काशी के कुश वृद्धाश्रम में पहुंचे लेखक ने कहा कि उनको उनके बच्चों ने घर से निकाल दिया है। इस कारण से उन्हें यहां रहना पड़ रहा है। उन लोगों ने उनकी सारी संपत्ति छीन ली। एसएन खंडेलवाल बताते हैं कि हमारी बच्ची सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती है। उसका पति भी सुप्रीम कोर्ट में वकील है। बेटा भी बड़े पैसे वाला है। इनके सभी बच्चे बड़े आदमी है। सभी अच्छा पैसा कमाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कोई उन्हें अपने साथ रखने को तैयार नहीं है। इन्हें इनके ही घर से निकाल दिया गया।
400 से ज्यादा किताबें लिखी
एसएन खंडेलवाल ने बताया कि उनकी संपत्ति लगभग 80 करोड़ की है, लेकिन उनके बच्चों ने उनकी संपत्ति को हड़प लिया और उन्हें बेदखल कर दिया। वे बताते हैं कि जब वह बीमार पड़े तो उनके बच्चों ने कहा कि जब वह मर जाए तो उनकी लाश को बाहर फेंक दें। यह सुनकर उनका दिल बहुत दुखी हुआ। इन सबसे परेशान होकर वह वृद्धाश्रम में आ गए। लेखक बताते हैं कि हमने अब तक 400 से ज्यादा किताबें लिखी हैं। जिसमें 18 पुराण, 21 उपपुराण और मंत्र-तत्र की किताबें शामिल हैं। अभी भी वे लिखने का काम करते हैं, लेकिन बच्चों की बेरुखी ने उन्हें बेघर कर रखा है।