लखनऊ।
मंत्रियों की बैठकों में नहीं बैठेंगे भाजपा जिलाध्यक्ष , प्रभारी मंत्री,सरकारी अफसरों की बैठक में नहीं बैठेंगे, अफसरों के साथ होने वाली बैठक नहीं बैठ सकेंगे , भाजपा के जिला या महानगर अध्यक्ष मौजूद नहीं रहेंगे,सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिले में बैठक करेंगे,नेताओं और सरकारी अफसर के साथ बैठक करेंगे .सरकारी बैठकों में मंत्रियों की बैठक में कोई पदाधिकारी नहीं बैठेंगे,मंत्रियों के अलग-अलग संगठन पदाधिकारी भी नहीं बैठेंगे .सीएम ने सभी प्रभारी मंत्रियों की बैठक में दिए कड़े अवश्य निर्देश.
जिसकी आशंका थी वही हुआ ,पूरे प्रदेशमें माननीय कीबैठक में अपत्रों के बैठनेका परिणाम यह हो गया की योगी आदित्यनाथको इस आशय का सर्कुलर जारी कराना पड़ा कि अब सरकारी बठकों में रानैतिक दलों केप्रतिनिधि को बैठने सेरोक लगा दिया है .
ज्ञात्व्य है की वर्तमान में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष और कई अपात्र लोग अपने स्टेटस काcफायदा् बैठकों में कालर टाइट करके कलेक्टर के करीब बैठने में धुसने करने का प्रयास करते थे. अब आगे से वह सब रुक गया .कारण यह है कि अति सर्वत्र वृजयेत बताते हैं कि योगी महाराजको अनेक स्तरों से शिकायतcमिल रही थी विभिन्न जिलों में कलेक्टर और कप्तान की योजनाओं कीcबैठकों में आधमकना एक चिंताका कारण था. जो असंवैधानिक था. जिला अध्यक्ष और तमाम अपात्र लोग समीक्षा बैठकों में कलेक्टरों के वेटक में भी सुझाव व शिकायतें करने लगते थे .
आगेसे अब ऐसा नहीं होगा .साथ ही तमाम जनप्रतिनिधि जनपद स्तर के ऐसे भी हैं स्थानीय राजनीति के शिकार होने के कारण उन्हें जिला योजना और समीक्षा बैठकों में भी बुलाने से परहेज कियाजाता है .विश्वास है जिले स्तर के अन्य प्रतिनिधियों को भी समीक्षा बैठकों में आमंत्रित किया जाएगा और पात्रों को अब बुलानेसे परहेज होगा. पर यक्ष प्रश्न यह है कि जनपद की समस्याओं को कोई प्रभारी मंत्री नही जानता फिर कार्यकर्ता जनता के बीच सेतु का काम कोन करेगा योगी महाराज??