विश्व के प्रथम कृषि वैज्ञानिक भगवान बलराम,जिनकी आज जन्म जयंती है.

भगवान बलराम का प्रतीक हल है इसीलिए वे हलधर भी हैं हल हमारी कृषि परंपरा सबसे बड़ा यंत्र है और यही यंत्र के धारक हैं भगवान बलराम.बलराम जैसा नाम वैसा गुण.संसार के प्रथम कृषि वैज्ञानिक थे बलराम.इनके आज विश्व जन्मोत्सव मना रहा.अपने अतीत को जानना हो तो बलराम को जानिए.


हमारे भारत वर्ष में हल षष्ठी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है.यह भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित है. भगवान बलराम माता देवकी और वासुदेव जी के सातवें संतान थे. हल षष्ठी का त्योहार भगवान बलराम की जयंती के रूप में मनाया जाता है आज के दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भ्राता बलराम जी का जन्म हुआ था बलराम जी का शस्त्र हल था इसलिए इस दिन हल की पूजा की जाती हैं साथ ही बैलों की भी पूजा की जाती हैं इसलिए इसे किसानो का त्यौहार भी कहते हैं..


इसे राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में विभिन्न नामों से जाना जाता है, इसे गुजरात में चंद्र षष्ठी के रूप में जाना जाता है, और ब्रज क्षेत्र में बलदेव छठ को रंधन छठ के रूप में जाना जाता है। भगवान बलराम को शेषनाग के अवतार के रूप में पूजा जाता है, जो क्षीर सागर में भगवान विष्णु के हमेशा साथ रहिने वाली शैया के रूप में जाने जाते हैं.

संबंधित अन्य नाम भी प्रचलित हैं.

बलराम जयन्ती, ललही छठ, बलदेव छठ, रंधन छठ, हलछठ, हरछठ व्रत, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ आदि नामों से जाना जाता है..

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