“येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल

 रक्षाबंधन की कहानी और महत्व:



रक्षाबंधन एक पवित्र और प्रेमपूर्ण त्योहार है, जो भाई-बहन के अटूट बंधन को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो उनके प्यार और सुरक्षा का प्रतीक है। भाई-बहन का यह त्योहार हमें प्यार, विश्वास और सुरक्षा की महत्ता सिखाता है। यह पर्व हमारे समाज में भाईचारा और प्रेम को बढ़ावा देता है।


राजा बलि की कहानी:


रक्षाबंधन की कहानी में राजा बलि वीका महत्वपूर्ण योगदान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा बलि एक शक्तिशाली और दानी राजा थे। उन्होंने भगवान विष्णु को अपने घर में आश्रय दिया था, जो वामन अवतार में थे। विष्णु ने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी, जिसे बलि ने दे दिया। लेकिन विष्णु ने अपने तीन पग में स्वर्ग, मृत्युलोक और पाताल लोक को नाप लिया, जिससे राजा बलि का साम्राज्य समाप्त हो गया।


राजा बलि की पत्नी विंध्यावली ने अपने पति की रक्षा के लिए एक राखी बांधकर भगवान विष्णु को अपना भाई बनाया और उनसे अपने पति की रक्षा करने का वचन मांगा। भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया और उनकी रक्षा की.

राजेंद्र नाथ तिवारी

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