UP में 7 सालों में 24 से अधिक परीक्षाएं रद्द, PCS-J से सवालों के घेरे में पब्लिक सर्विस कमीशन


लखनऊ

UP में 7 सालों में 24 से अधिक परीक्षाएं रद्द, PCS-J से सवालों के घेरे में पब्लिक सर्विस कमीशन

Paper Leak: यूपी में पिछले 7 सालों में 24 से अधिक परीक्षाएं पेपर लीक और भ्रष्टाचार की वजह से रद्द हो चुकी हैं. यूपी पीसीएस-जे 2022 मुख्य परीक्षा रिजल्ट में भी धांधली का मामले सामने आया है. ऐसे में यूपी लोक सेवा आयोग और उसके अध्यक्ष पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.


उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षा कराना शासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. ताजा मामला प्रयागराज का है, जहां पीसीएस (जे) की परीक्षा में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. यूपी पीसीएस-जे 2022 मेन्स रिजल्ट में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली गई थीं. जिसमें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के 5 अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है और इनमें से 3 को सस्पेंड कर दिया गया है. अब आयोग और उसके अध्यक्ष पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. आइए जानते हैं कि पिछले 7 सालों में कौन-कौन सी परीक्षाएं रद्द हुई हैं.
कौन सी परीक्षाएं हुई रद्द?
23 अगस्त 2017 को सब इंस्पेक्टर पेपर लीक
फरवरी 2018 में UPPCL( Power Corporation JE Paper ) पेपर लीक
अप्रैल 2018 में UP पुलिस का पेपर लीक
जुलाई 2018 में अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का पेपर लीक
अगस्त 2018 में स्वास्थ्य विभाग प्रोन्नत पेपर में भ्रष्टाचार
सितंबर 2018 में नलकूप आपरेटर पेपर लीक
41520 सिपाही भर्ती पेपर लीक
जुलाई 2020 में 69000 शिक्षक भर्ती पेपर लीक
अगस्त 2021 बीएड प्रवेश परीक्षा पेपर लीक
अगस्त 2021 PET पेपर लीक
अक्टूबर 2021 सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक/प्रधानाचार्य पेपर लीक
दिसंबर 2021 में UPTET पेपर लीक
NDA पेपर लीक
SSC पेपर लीक
UP पुलिस पेपर लीक
अधीनस्थ आयोग का पेपर नही कराया निरस्त किया
लोकसभा चुनाव में भी पेपर लीक एक बड़ा मुद्दा था और इस मुद्दे की वजह से युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या ने इंडिया ब्लॉक को अपना समर्थन दिया था. नीट मामले में एनडीए के विधायक बेदी राम पर विपक्ष हमलावर है और सदन में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने मोदी- योगी सरकार पर निशाना साधा. जिन मामलों में सरकार की सबसे ज्यादा किरकिरी हुई, उनमें यूपी टेट पेपर लीक और सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड शामिल है.

2021 यूपी टेट पेपर लीक कांड
मध्य प्रदेश के व्यापम के तर्ज पर इस कांड को अंजाम दिया गया था. इस मामले में आधा दर्जन से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए और कई राज्यों से इस कांड के तार जुड़े हुए थे. इस कांड का मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया था, जो अलग-अलग शहरों में रह रहे अपने गुर्गो के माध्यम से पेपर आउट करा कर पेपर वाट्सएप के माध्यम से उन लोगों तक पहुंचाता था, जो उनसे जुड़े थे.

जांच में ये भी पाया गया कि परीक्षा कराने वाली संस्था के भी कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध है. 40 लाख रूपए में पेपर आउट की बात सामने आई थी. जिसमें प्रयागराज के राहुल मिश्रा और अनुराग शर्मा की भी भूमिका थी. आरोपियों के पास से लाखों रूपए और लग्जरी गाड़ियां मिली थीं. कई राज्यों और उनके शहरों से जुड़े लोगों के नाम इस कांड में आए थे.

सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला
यूपी में 60244 सिपाहियों की भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. लीक के बाद पेपर निरस्त कर दिया गया था. फरवरी को परीक्षा का पर्चा प्रयागराज लखनऊ समेत चार स्थानों से लीक करने की साजिश रची गई थी. भोपाल में प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी की मिली भगत से इस मामले में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ने पेपर लीक कराया था.

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