ऐसा भी होता रहा है,एक सांसद कांग्रेस के समय में 10 साल तक सेना का हेलीकाप्टर और जेट हवाई जहाज निजी उपयोग के लिए प्रयोग करती रही और मीडिया को भनक भी नहीं.
सोनिया गांधी केवल एक सांसद थी, इसके इतर उनके पास कोई पद नहीं, कोई महत्व का संविधानिक पद नहीं तो फिर उन्हें सेना के हवाई जहाज निजी उपयोग के लिए प्रयोग करने की अनुमति कैसे मिल सकती है, किसने दी यह अनुमति?
केवल पाँच गैर सैनिक नागरिक लोगों को यह अधिकार होता है। वे होते हैं.
1. राष्ट्रपति
2. उपराष्ट्रपति
3. प्रधानमंत्री
4. रक्षा मंत्री
5. गृह मंत्री
आपात्कालीन स्थिती में मुख्यमंत्री को भी यह अनुमति मिल सकती है।
सोनिया गांधी के पास इनमें से एक भी पद नहीं लेकिन वे जब भी प्रचार को निकलती तो सेना का अपाचे हेलीकाप्टर या बाँम्बॉर्डिअर जेट ले जाती थी।
अपाचे हेलीकाप्टर एक घंटे में 2000 लीटर जेट फ्यूएल लेता है। याने पायलट और अन्य स्टाफ के अलावा भी एक घंटे का 3 लाख रुपयों का खर्चा होता है । बाँम्बॉर्डिअर जेट तो स्पेशल डिजाइन किया हुआ है और फायटर जेट से इसकी उड़ान का खर्चा पाँच गुना अधिक होता है।
केवल एक सांसद होते हुए भी सोनिया गांधी को निजी उपयोग के लिए ये हवाई जहाज किसकी अनुमति से उपलब्ध होते थे?
क्यों आज तक मीडिया ने इसपर कभी आवाज नहीं उठाई? क्या ये भ्रष्टाचार नहीं या किसी मीडिया को देखने की इच्छा नहीं थी?