बस्ती,वशिष्ठ नगर
ये हैं श्रेया यादव, अब हैं बोलना गलत है क्योंकि अब ये इस दुनिया में नहीं हैं, तो ये थीं श्रेया यादव, उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वाली थीं, आखों में IAS-IPS बनने का सपना लेकर दिल्ली पहुंचीं, और भाई साहब दिल्ली में UPSC की तैयारी करवाने वाले संस्थान कुकुरमुत्ता की तरह भरे पड़े हैं जहां स्टूडेंट्स को भेड़ बकरी की तरह बिठा दिया जाता है, श्रेया राजेंद्र नगर के एक संस्थान में पढ़ रही थीं, संस्थान एक बिल्डिंग के बेसमेंट में चल रहा है, उस बेसमेंट में कल पानी भर गया जिसकी वजह से श्रेया ने अपनी जान गंवा दी, श्रेया के अलावा दो और छात्र एक तेलंगाना और एक केरल के थे, तीनों की मौत हो गई, इन तीनों छात्र छात्राओं की मौत का जिम्मेदार कौन है ? इसका जवाब कभी नहीं मिलेगा, इनका परिवार कभी सरकार को कोसेगा कभी खुद को कि अंबेडकरनगर में ही पढ़ा लेते, लेकिन जवाब नहीं मिलेगा, दिल्ली नगर निगम शायद अपनी जिम्मेदारी निभा लेता, दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा लेती और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा लेता तो शायद आप श्रेया समेत तीन लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। इसी के साथ दो और प्रतिभाओ की पंच क्रिया भी वही होगयी.
श्रेया के परिजनों के असंख्य अनुत्तरित इच्छाओं,प्रश्नों प्रतिप्रशनों का उत्तर कोन देगा.
सरकार!
कुकुरमुत्ता संस्थान!
दिल्ली नगर निगम!
या निगम बोध घाट???