पूरे सिस्टम को हिला देने वाले किसान की पहचान!

 

कौटिल्य उवाच!


हजारों लाइट्स से चमकने वाली रोशनी, और महंगे ब्रांड के उजाले से जगमगाते ऊंचे मॉल, जब अपनी आधुनिकता के चलते लोगों को बस उनके पहनावें से जज करने लगे, उनका अपमान करने लगें तो उन्हें आईना दिखाना बेहद जरूरी हैं!

बीते मंगलवार भी यही हुआ। हुआ यूँ कि, हावेरी जिले के 70 वर्षीय श्री फकीरप्पा जो पेशे से किसान हैं, अपनी पत्नी और बेटे के साथ बेंगलुरु के जीटी मॉल के मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के लिए गए।

फकीरप्पा ने सफेद कुर्ता और ‘पंचे’ (धोती) पहन रखी थीं जो उनका ट्रेडिशनल पहनावा हैं। लेकिन उनकी और उनके बेटे की आँखे अपमान और गुस्से से तब भर उठी, जब मॉल के सुरक्षा कर्मचारी ने उन्हें ‘पंचे’ पहनकर मॉल के अंदर एंट्री देने से मना कर दिया! कर्मचारी से उनसे कहा कि वह पतलून पहनकर आएं, तो ही उन्हें आने दिया जाएगा!

उनके कहने पर कि यह भारतीय पारंपरिक पहनावा हैं, और उन अश्लील पहनावों से कहीं बेहतर हैं, जिन्हें पहनने वालों की एंट्री पर कोई रोक नहीं! उन्हें हँसी का पात्र बनाकर उनका मजाक बनाया गया।

उनके स्वाभिमान के साथ हुए इस कुठाराघात को उनके बेटे की जागरूकता ने न्याय दिलाने की पहल की!

उनके बेटे ने तुरन्त इस मामले की छोटी सी वीडियो बनाकर ट्विटर (एक्स) पर डाल दी। यह मामला तुरन्त ही वायरल हो गया! आनन फानन में स्थानीय किसान संघों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, और मॉल प्रबंधन से किसान से माफ़ी मांगने की मांग की! पीड़ित ने भी मॉल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मामले की गूंज विधानसभा तक पहुँच गई और किसान को मॉल में प्रवेश नहीं देने की घटना की विधानसभा में सभी पार्टी के सदस्यों ने एकजुट होकर कड़ी निंदा की। सरकार ने किसान के कथित अपमान को गरिमा और स्वाभिमान पर आघात बताया और इसे बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी गई!

बीबीएमपी (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) आयुक्त से पूछा गया कि इस मामले में क्या किया जा सकता है? सरकार के पास क्या अधिकार हैं?

कर्नाटक सरकार ने जी टी वर्ल्ड मॉल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए! साथ ही सजा के तौर पर सरकार ने उस मॉल को सात दिन तक बंद करने का आदेश दिया है, जिसने एक किसान को धोती और सफेद कुर्ता पहने होने की वजह से प्रवेश की अनुमति नहीं दी। मामले की जांच चल रही हैं...हो सकता है आगे और कड़े कदम उठाए जाएं!

सात दिन तक उस मॉल की रोशनी जब अंधकार में बदलेगी तब शायद उन्हें यह एहसास हो कि, आम इंसान के पास उसकी डिग्निटी होती हैं, उसे अपमानित करने का अधिकार किसी के पास नहीं!

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form