राहुल की समझ के परे है आपातकाल 1975 और सिख नरसंहार 1983.राहुल.जवाहर लाल ने ही भगत सिंह को फांसी से बचाने से इंकार किया था.उन्होंने राजगुरु भगत सिंह और सुख देव को पथ भ्रष्ट देश भक्त कहा था.उनकी संतति अपने को अभिजात्य वर्गीय व सामंत शाही और राज घराने की मानसिकता से उबर नहीं पा रही और सत्ता पक्ष वैचारिक भेड़िए को देख सिसुक जा रहा.जिस कांग्रेसी परंपरा ने पांच दशक से ऊपर देश को बंधक बना रखा था,आज राहुल के अंदर वही उबाल आरहा है.लोक सभा के पटल पर जो कुछ उन्होंने कहा वह आचरण मर्यादाहीन,विवेक हीन.स्तर हीन गलत मानसिकता का परिचायक है.
जो उनको रटाया जाता है वही पटल पर उगल देना राहूलियत है.
कल संसद की बहस के दौरान राहुल गांधी ने फिर एकबार कांग्रेस की घिनौनी सोच को उजगार कर दिया और पूरे हिंदुस्तान के हिंदुओ के मुंह पे तमाचा मारा।राहुल गांधी ने पूरे सदन के सामने कहा की जो हिंसा करते है वो हिंदू होते है।
मतलब राहुल गांधी का मानना है की हिंदू हिंसक होता है।कोई ये पूछे की जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई और उसके प्रतिशोध में हजारों सिखों को दिनदहाड़े जलाकर मार डाला गया तब ये कृत्य चुपचाप देखने वाले राजीव गांधी कौन थे,हिंदू या कोई और।
जब रामभक्तो को गोलियों से भून दिया गया तब मुलायम सिंह कौन थे हिंदू या कोई और।
जब आपातकाल में लाखो लोगो को जेल में ठूंस दिया गया इंदिरा गांधी के द्वारा तक इंदिरा गांधी कौन थी हिंदू या कोई और।
कांग्रेस का इतिहास शायद देश की जनता भूल गई है।कल्पना कीजिए जिस दिन ये सत्ता में आएंगे इस दिन हिंदुओ का क्या हश्र होगा।अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी जैसे दुर्दांत अपराधी के कब्र पे फूल चढ़ा के आए ये सत्ता में आएंगे तो क्या करेंगे।
बंगाल में खुलेआम हिंदुओ को मारा जा रहा है,कर्नाटक में मारा जा रहा है,केरल में हिंदुओ को जलाने की बात हो रही है।ये आरोप लगाते है की हिंदू हिंसक है तो फिर आतंकी हमले करने वाले,बेगुबाहो का खून बहाने वाले हरे रंग के कपड़े और टोपी पहनने वाले किस कौम के लोग है।