अखिलेश,अवधेश , मुलायम पोंड्रक और अयोध्या,.

  द्वापर में भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका के समानांतर एक और व्यक्ति सत्ता चलाने के लिए अहंकार का दम भर रहा था, उसका नाम था पौंड्रक .वहअपने को वासुदेव का नाम रखता था और जिस तरह से ईश्वर की आराधना होती उसे तरह से आराधना करता था. आज दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अवधेश नाम रख लेने से कोई अवधेश नहीं हो जाता. अयोध्या के राजा अवधेश हैं यह कहा ऑस्ट्रेलिया में पढ़े-लिखे अखिलेश ने यह सिद्ध करने का पूरा प्रयास किया हम अपने बाप के जो अयोध्या के कार्य सेवकों पर गोली चलाया कोई योग्यता नहीं, ऑस्ट्रेलिया से पढ़कर निकलना ना कोई योग्यता का परिचायक नहीं है क्या ऑस्ट्रेलिया से पड़ा हर व्यक्ति यह मुख्यमंत्री हो जाता है .अखिलेश जी आपको यह सलाह दी जाती है कि आप पोंड्रक मत बनिए ,पौंड्रक का अहंकार का नाश श्री कृष्णा कर करते हैं .


यदि आप श्री कृष्ण के वंशज अपने को मानते हैं तो निसंदेह आप जैसे पौंड्रक के अहंकार को आने वाले दिनों में कृष्ण जरूर तोड़ेगा.त्रेता में द्वापर में भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका के समानांतर एक और व्यक्ति सत्ता चलाने के लिए अहंकार का दम भर रहा था उसका नाम था पवन रख पौंड्रक अपने को वासुदेव का नाम रखता था और जिस तरह से ईश्वर की आराधना होती उसे तरह से आराधना करता था आज दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अवधेश नाम रख लेने से कोई अवधेश नहीं हो जाता अयोध्या के राजा अवधेश हैं यह का करके ऑस्ट्रेलिया में पढ़े-लिखे अखिलेश ने यह सिद्ध करने का पूरा प्रयास किया हम अपने आप के जो अयोध्या के कार्य सेवकों पर गोली चलाया था उसे तनिक भी काम नहीं है और ऑस्ट्रेलिया से पढ़कर किया ना कोई योग्यता का परिचायक नहीं है क्या ऑस्ट्रेलिया से पड़ा हर व्यक्ति यह मुख्यमंत्री हो जाता है अखिलेश जी आपको यह सलाह दी जाती है कि आप कांटेक्ट मत बनिए पौंड्रक का अहंकार श्री कृष्णा कर करते हैं यदि आप श्री कृष्ण के वंशज अपने को मानते हैं तो निसंदेह आप जैसे पौंड्रक के अहंकार को आने वाले दिनों में कृष्णा जरूर तोड़ेगा


उत्तर प्रदेश एवं भारत की जनता को ऐसी पार्टी या नेता को कभी नहीं चुनना चाहिए जिसका जनता के प्रति कोई लगाव न रहा हो, बात अखिलेश यादव की, की जाय तो इनके पिता मुलायम सिंह यादव द्वारा उत्तर प्रदेश की जनता को केवल गुंडाराज ही दिया गया था, मुलायम सिंह यादव अंग्रेजी पढ़ाने के सख्त खिलाफ थे इसीलिए उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ाई बंद कर दी गई थी इसी समय इनका लड़का अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया में इंजीनियरिंग कर रहा था इतना बड़ा दोगलापन या ये कहे विश्वासघात किया था जनता के साथ.

कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने वाले भी मुलायम सिंह यादव उस वक्त के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, समाजवादी के राज में उत्तर प्रदेश गुंडा प्रदेश बन चुका था,

अगर हम अखिलेश की पात्रता को देखे तो मुझे कुछ भी नजर नहीं आती केवल वो ऑस्ट्रेलिया से पढ़े है इसके अलावा कुछ नहीं, ऑस्ट्रेलिया से तो बहुत से बच्चे पढ़ के आते है क्या वो भारत में किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लायक होते है ?

अयोध्या एक विधानसभा क्षेत्र है न कि लोकसभा, 5 विधानसभा को एक करके लोकसभा है फैजाबाद, भाजपा अयोध्या से हारी नहीं हां फैजाबाद लोकसभा से जरूर हारी है उसका मुख्य कारण भी भाजपा खुद है,

भगवान राम के समक्ष किसी भी मानव को नहीं लाया जा सकता, अवधेश भी राम जी का नाम है, ऐसे तो अखिलेश भी भगवान का नाम है, राजेश भी भगवान का ही नाम है, महेश भी भगवान का नाम, सामाजवादी पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करती है मुस्लिम + यादव ये दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार बना सकते यदि सभी वोट एक तरफा पड़े तो, इस बार राहुल गांधी द्वारा 8500 रु महीना का वादा जनता को ललचा गया,

भाजपा द्वारा आवास, सोचालय, आयुष्मान योजनाओं का कोई बेनिफिट उतर प्रदेश में नहीं मिला, फिर इस बार जनता लालच में डूब गई, ना माया मिली ना राम

समाजवादी पार्टी के अहंकार को 2029 में शांत कर दिया जाएगा क्यूंकि भाजपा को जमीन पर काम करने का समय मिल गया और समझ में आ गया लालची जनता को कैसे अपने पक्ष में वोट करवाना है

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