बस्ती/वशिष्ठ नगर
कांग्रेस की नियति और नीति दोनो देश घाती है.इसी को घृणा की पराकाष्ठा कहा जाता है. कहते हैं कि बुरे लोगों को और कोई नहीं, उसकी खुद की बुराइयां ही समाप्त कर देती है. इतिहास इन उदाहरणों से भरा पड़ा है। अब किसी को ये लगे की उसका पूरा खानदान, उसकी सारी पुश्तें सिर्फ देश पर शासन करने, देश को लूटनेे, के लिए ही पैदा हुई है, और किसी का देश की सत्ता पर अधिकार नहीं हो सकता.
और ऐसे समय एक मामूली सा चायवाला पूरे देश को अपनी मां समझकर इतने अच्छे से देश को चला रहा है और जनता उस पर अपना सारा प्यार लूटा रही है, उसके एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार हो जाती है, सारी दुनिया उसके कहे को, उसके कर्म का लोहा मान रही है. जो रुतबा यूएन लोगों ने इतने सालों में हासिल नहीं किया, वो इसने मात्र दस साल में हासिल कर लिया हो तो जनाब दिल तो दुखी होगा ही ना. इन लोगों से और क्या उम्मीद की जा सकती है इसके सिवा.विघ्न संतोष कांग्रेस का स्थाई धर्म है.
समाजवादी पार्टी से पाला पड़ा है,कांग्रेस परजीवी पार्टी है,अमर वेली को जानते हे ने उसे किसी का सहारा चाहिए.कांग्रेस वही वेली है जिसे, 2027 के पूर्व समाजवादी उखाड़ फेंकेगी.
समाजवादी पार्टी को कदापि स्वीकार्य नहीं होगा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पैर पसारे.