बहुत सारे सज्जन कहते हैं। कि मैं हनुमान चालीसा पढता हूँ। परन्तु लाभ नहीं होता है। अब इन तथाकथित विद्वानों को कौन और कैसे समझाये कि ऐसा सम्भव ही नहीं है। कि आप हनुमान जी की शरण में हों और समस्या का समाधान न हो लेकिन बात ये है। कुछ नियमों का पालन कड़ाई से करें लाभ होगा -
1- तुलसीदास सदा हरि चेरा पंक्ति में अपना नाम घुसाने की जरूरत नहीं है। जैसा तुलसीदास जी ने लिखा है। वैसा ही पाठ करें ।
2- हनुमान चालीसा के दस हजार पाठ से उत्पन्न उर्जा आपको सिद्ध की श्रेणी में डाल देगी अगर भोजन एवं आचरण पवित्र रखें तो ।
3- हनुमान चालीसा के सिद्धि का विधान तुलसीदास जी ने स्वयं बताया है। - जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा । अतः इसके सिद्धि के लिए किसी बाबा के किसी गुटिका यन्त्र ताबीज़ की आवश्यकता नहीं है ।
4- तुलसीदास जी ने बताया है। कि जो यह पढ़े हनुमान चालीसा ( ये नहीं कहा है कि जो पुरुष पढ़े हनुमान चालीसा अतः पुरुष महिला जो भी पाठ करेगा लाभ पायेगा )
5- साधु सन्त के तुम रखवारे इस पंक्ति को हमेशा याद रखें यदि हनुमान जी से सहायता चाहिए तो आचरण अच्छा रखना पड़ेगा नहीं तो गदा की मार बड़ी भीषण है ।
6- जै जै जै हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाईं पंक्ति जब आप पढते हैं। तो ये भी याद रखें कि एक सच्चा गुरु आपको पीटकर भी आपके मनविरूद्धजाकर भी आपका भला करता है। अतः हनुमान जी वही देंगे जो आपके लिए वास्तवमें हितकारी है। न कि वो जो आप चाहते हैं ।