अधिकाश प्रधान मंत्रियों के जीत का अंतर डेढ़ लाख से भी कम भी काम था.

 कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और कांग्रेस समर्थक कथित आलापी भारत में अरण्य  प्रधानमंत्री की जीत के अंतर को लेकर अरण्य रोदन कर रहे हैं ,उसमे राहुल,राठी लाठी खरगे सब चिल्ला चिल्ला कर अंतर की बखान करते नही थकते.


ध्रुव राठी, जो की सिर्फ अपने झूठ और सनातन विरोध के प्रोपेगेंडा के लिए जाना जाता है ने फिर से एक बार भ्रामक जानकारी देते हुए बताया की, मोदी जी ने वाराणसी लोकसभा सीट केवल डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीता जो की किसी भी मौजूदा प्रधानमंत्री के लिए दूसरा सबसे कम अंतर है।
आप सब खुद देखे, राहुल के पुरखों के जीत का अंतर को समझिए

🔴लेकिन सच्चाई कुछ और है। अगर हम 1947 के बाद के चुनावों के आंकड़ों के पन्नो में झांके, तो यह स्पष्ट होता है:

🔴1957 के लोकसभा चुनाव में जवाहरलाल नेहरू की                     जीत का   अंतर 29,018 वोटों का था।

🔴1962 के लोकसभा चुनाव में नेहरू की जीत का

 अंतर 64,571 वोटों का था।

🔴1967 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत का

 अंतर 91,703 वोटों का था।

🔴1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत का

 अंतर 111,810 वोटों का था।

🔴1977 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी हार गईं,

 वो भी 55,202 वोटों के अंतर से।

🔴1996 के लोकसभा चुनाव में नरसिम्हा राव की जीत का

 अंतर 98,530 वोटों का था।

🔴अब एक और तथ्य पर ध्यान दें, राजीव गांधी को छोड़कर, कांग्रेस के सभी सिटिंग प्रधानमंत्रियों के जीत का मार्जिन डेढ़ लाख से कम का ही रहा है। 

शायद यही कारण है कि पिछले 28 सालों से कांग्रेस के किसी भी सिटिंग प्रधानमंत्री ने चुनाव ही नहीं लड़ा, बल्कि वे राज्यसभा से इलेक्ट होकर आए।

🔴अब आप राठी जैसा  आचरण करेंगे या उसके मानसिक दिवालियापन  को नमस्कार करेंगे.  विदेश की धरती से  राजनीति का गीता ज्ञान लेने वालों का तिरस्कार करे या बहिष्कार .। आत्ममंथन करें और ऐसे जाहिलों को फॉलो और सपोर्ट करना बंद करे।

✍️ध्रुव राठी, जो की सिर्फ अपने झूठ और हिंदू विरोध के प्रोपेगेंडा के लिए जाना जाता है ने फिर से एक बार भ्रामक जानकारी देते हुए बताया की, मोदी जी ने वाराणसी लोकसभा सीट केवल डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीता जो की किसी भी मौजूदा प्रधानमंत्री के लिए दूसरा सबसे कम अंतर है।

🔴लेकिन सच्चाई कुछ और है। अगर हम 1947 के बाद के चुनावों के आंकड़ों के पन्नो में झांके, तो यह स्पष्ट होता है:

🔴1957 के लोकसभा चुनाव में जवाहरलाल नेहरू की जीत का अंतर 29,018 वोटों का था।

🔴🙏1962 के लोकसभा चुनाव में नेहरू की जीत का अंतर 64,571 वोटों का था।

🔴1967 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत का अंतर 91,703 वोटों का था।

🔴1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत का अंतर 111,810 वोटों का था।

🔴1977 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी हार गईं, वो भी 55,202 वोटों के अंतर से।

🔴1996 के लोकसभा चुनाव में नरसिम्हा राव की जीत का अंतर 98,530 वोटों का था।

🔴अब एक और तथ्य पर ध्यान दें, राजीव गांधी को छोड़कर, कांग्रेस के सभी सिटिंग प्रधानमंत्रियों के जीत का मार्जिन डेढ़ लाख से कम का ही रहा है। शायद यही कारण है कि पिछले 28 सालों से कांग्रेस के किसी भी सिटिंग प्रधानमंत्री ने चुनाव ही नहीं लड़ा, बल्कि वे राज्यसभा से इलेक्ट होकर आए।

🔴अब राठी को सपोर्ट करने वाले किस यूनिवर्सिटी से ज्ञान ले रहे है। आत्ममंथन करें और ऐसे जाहिलों को फॉलो और सपोर्ट करना बंद करे।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form