नई दिल्ली
लेखिका अरुंधति राय के खिलाफ चलेगा यूएपीए के तहत मुकदमा ,दिल्ली के एलजी ने दी मंजूरी | दिल्ली के उप राज्य पाल सक्सेना
ने लेखिका अरुंधति राय और कश्मीर के डाक्टर शेख शौकत हुसैन के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधिया [रोकथाम ]अधिनियम यानी यूएपीए
के तहत मुकदमा चलाने की अनुमती दे दी है |
शेख शौकत हुसैन कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के पूर्व प्रोफेसर है | दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ़्तर से जारी बयान में
खा गया है। ..
एलजी सक्सेना ने अरुंधति राय और डॉ शेख शौकत हुसैन के खिलाफ 29 नवम्बर 2010 को दर्ज यूएपीए के तहत एफ आई आर में अभियोजन की अनुमति दी है
ये एफ आई आर सुशील पंडित की शिकायत पर दर्ज की गई थी।
दिल्ली के एलटीजी ऑडोटोरियम में 'आजादी -द ओनली वे नामक कान्फ्रेंस के बैनर तले 'कश्मीर को भारत से अलग करने का प्रचार किया गया था।
सम्मेलन में भाषण देने वालो में सैयद अली शाह गिलानी ,एसए आर गिलानी [सम्मेलन के एंकर और संसद हमले मामले के मुख्य अभियुक्त ]अरुंधति राय ,डॉ शेख शौकत हुसैन और माओवादी समर्थक वरवर राव शामिल थे।
यह आरोप लगाया गया की गिलानी और अरुंधति राय ने दृढ़ता से प्रचार किया की कश्मीर बबकभी भी भारत का हिस्सा नहीं था और उसपर भारत के सशस्त्र ब्लो ने जबरन कब्जा कर लिया था ,
शिकायतकरता ने सम्मेलन की रिकॉर्डिंग प्रदान की थी शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धरा 156 (3 )के तहत एमएम कोर्ट ,नई दिल्ली के समक्ष शिकायत दर्ज की थी
इसी आधार पर एक प्राथमिक दर्ज की गई और जांच की गई
अरुंधति रे के मामले दिल्ली के उपराज्यपल के फैसले के बाद जाने मने वकील प्रशांत भूषण ने प्रतिक्रिया दी है
सोशल मिडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने खा ''तो एलजी ने कश्मीर की आजादी की वकालत करने के आरोप में अरुंधति रे के खिलाफ
14 साल पुरानी एफआईआर पर यूएपीए कानून के तहत अभियोजन की मंजूरी दे दी है ऐसा लगता है की मोदी सरकार ने २०२४ की हार से कुछ नहीं सीखा है भारत को तानाशाही बनाने के लिए और भी अधिक दृढ़ संकलिप्त ''|