विज्ञापन केलिए पत्रकारों में भिड़ंत,पुलिस से भी शिकायत

 



बस्ती

गैर मान्यता प्राप्त समाचार पत्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर प्रकाशित सरकारी निविदा भुगतान के रिकबरी की मांग जिलाधिकारी से ऐसे समाचारपत्रों को निरस्त करने की मांग

एसपी बस्ती से सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांगसीओ सिटी बस्ती को मिली जांच


बस्ती । आदर्श आचार संहिता की समाप्ति के बाद जिले की सभी ग्राम पंचायतोंमें नये वित्तीय कार्यो की निविदा प्रकाशन एक राष्ट्रीयकृत व एक स्थानीय समाचार पत्रों में कराना होता है, स्थानीय समाचार पत्रों की सूची 12 कीहै जो सूचना विभाग द्वारा निविदा प्रकाशन हेतु मान्य है जिसकी सूची सोशल

मीडिया पर वायरल की गयी । उसके बाद जिले में कुछ गैर सूचीबद्ध समाचारपत्रों में हलचल मच गयी । पंचायत सचिवों को इनके द्वारा गुमराह एवंब्लैक मेल कर एक फर्जी सूची जिसमे सूचना विभाग की मुहर लगी हुई थी 12समाचार पत्रों के स्थान पर 14 समाचार पत्रों का नाम लिखा था जिसमें एक

स्थानीय समाचार पत्र ‘अवध नगरी’’ का नाम काट कर बस्ती टूड,ेमखैड़ा संदेश, व बस्ती की पुकार समाचार पत्र का नाम अंकित था इस सूची के

बारे में सूचना विभाग से जानकारी करने पर पता चला कि उक्त तीनो समाचारपत्र गैर मान्यता प्राप्त है । पुनः सूचना विभाग से नयी सूची जिसमें 12

मान्यता प्राप्त समाचार पत्रों का नाम अंकित था जिला पंचायत राज अधिकारीव जिले के सभी खण्ड विकास अधिकारियों व पंचायत सचिवों को उपलब्ध करा दियागया । जिसके बाद दिनांक 19 जून 2024 को ‘बस्ती के पुकार’ के प्रकाशक सौरभसिंह द्वारा अपने समाचार पत्र में अवध नगरी समाचार पत्र के विरूद्धआमर्यादित खबर प्रकाशित कर खबर को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया और लिखागया कि बस्ती जिले के सम्पादक महाबली तो चेला बाहुबली बनने के चक्कर में

     अधिकारियो को कर रहा गुमराह’ जिसके सम्बन्ध में शुक्रवार कोजिलाधिकारी को पत्र देकर दैनिक अवध नगरी के सम्पादक राधेश्याम दूवेcने तीनो समाचार पत्रों के प्रकाशको/सम्पादकों पर सुसंगतधाराओं में मुकदमादर्ज करने एवं तीनो समाचार पत्रों का घोषणापत्र निरस्त करने एवं पूर्वमें प्रकाशित सरकारी निविदाओं के हुए भुगतान की रिकबरी कराने की मांग कीहै । वही पुलिस अधीक्षक बस्ती को दिये गयो प्रार्थना पत्र में भी यहीमांग की गयी  है 

 बताते हैं जांच  सीओ सिटी बस्ती को जांच सौपी गयी है ।श्री दूवे ने दी गयी विज्ञप्ति में बताया कि इसके साथ-साथ इन समाचारपत्रों को ब्लैकलिस्टेड करने के लिए आरएनआई (भारत के समाचार पत्रों केपंजियक का कार्यालय नयी दिल्ली ) एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग लखनऊ कोभ पत्र भेजा जा चुका है ।

                                                                       



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