जो कांग्रेसी प्रधानमंत्री की वाराणसी यात्रा के अशुभ (मृत्यु की कामना) महिमा मंडित कर रहे, वही प्रवृति इनके हत्या की भी जिम्मेदार

 हिंसक प्रवृति को हतोत्साहित करना राष्ट्रधर्म!!

हिंसक प्रवृति को प्रोत्साहित करना  देशद्रोह!!

 किसी के आसन्न विपत्ति पर खुश होना भारतीयता का लक्षण नहीं.राजनीति में विरोध का स्तर इतना घटिया भी नहीं होना चाहिए कि हम विघ्न संतोषी बन मुदित हों. मोदी की वाराणसी की लगी5 घटना पर को कांग्रेसी मुदित हो मोदी की मृत्यु की कामना करते हैं उनके लिए इंदिरा और राजीव पर प्राण घातक हमला एक सीख है.

1967 में इंदिरा गांधी ओडिशा में भाषण देने गई थीं। भाषण के दौरान उन पर किसी ने पत्थर फेंके, पत्थर से उनकी नाक टूट गई।

राजीव गांधी कोलंबो गए हुए थे, गार्ड ऑफ ऑनर के समय एक पुलिस वाले ने उनको बंदूक की बट से पीटा।

कांग्रेस भारत में वामपंथ का मुखौटा है, कांग्रेस को आगे कर वामपंथी चीन का एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं उस पर फिर कभी लिखूंगा बहरहाल आप इंदिरा जी का वह चित्र देखिए जिसमें उनकी नाक टूटी हुई है।

जो कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोदी की गाड़ी पर मिले चप्पल को लेकर ताली बजा रहे, खुश हो रहे, मिठाइयां बांट रहे वे कहीं न कहीं इंदिरा जी और राजीव गांधी की हत्या में भागीदार हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होने और उनके मरने की दबी कामना मुखर हो जाती है जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के नेता बनारस की घटना को बहुत उल्लास से बताते हैं।


दरअसल कांग्रेस के नेताओं की मार्क्सवादी ट्रेनिंग अच्छे से हुई है। वामपंथी हिंसा को जायज ठहराते हैं, किसी भी कांग्रेसी को देख लीजिए वह शाब्दिक हिंसा से लेकर फिजिकल वॉयलेंस पर उतर आया है। वामपंथी अपनी हिंसा को मुहब्बत कहते हैं और दूसरे के प्रत्युत्तर को अलोकतांत्रिक बताते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग करते हैं जैसा कि अजीत भारती के मामले में हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी को ये संवैधानिक तरीके से पद से हटा नहीं पाएंगे तो उनके प्रति घृणा, भ्रम और कमजोर हो जाने का नरेटिव चलायेंगे, मरने की कामना करेंगे।

कांग्रेस भारत में वामपंथ का मुखौटा है, कांग्रेस को आगे कर वामपंथी चीन का एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं उस पर फिर कभी लिखूंगा बहरहाल आप इंदिरा जी का वह चित्र देखिए जिसमें उनकी नाक टूटी हुई है।

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