गर्भवती महिला को क्यों नहीं काटते सांप, पुराणों में छिपा है रहस्य

 गर्भवती महिला को क्यों नहीं काटते सांप, पुराणों में छिपा है रहस्य  हिंदू धर्म में सांप को नागदेवता के रूप में पूजा जाता है. यह भगवान शिव के प्रिय आभूषण भी हैं. लेकिन इन्हें लेकर यह भी कहा जाता है कि सांप कभी किसी गर्भवती स्त्री को नहीं काटतें यही नहीं वह अंधे होकर अपना रास्त भी भटक जाते हैं l आखिर ऐसा क्यों होता है. इन सभी सवालों के जवाब हमारे पुराणों में छिपा हैं.


गर्भवती स्त्री को क्यों नहीं काटते सांप

सांप को कुछ ऐसे प्रकृति से इंद्रियां प्राप्त है जिससे कि वह बड़ी आसानी से यह पता लगा लेता है कि कोई महिला गर्भवती है या नहीं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भधारण के बाद स्त्री के शरीर में कुछ ऐसे तत्वों का निर्माण होता है जिन्हे सांप आसानी से पहचान लेते हैं. इसके बावजूद वह कौन से कारण हैं जिनकी वजह से सांप गर्भवती स्त्री को नहीं काटते हैं. इस सभी सवालों का जवाब हमारे धर्म पुराणों में मिलता हैं.

पुराणों मे छिपा है जवाब

ब्रह्मवैवर्त पुराण की एक कथा के अनुसार, भगवान शिव के मंदिर में एक गर्भवती स्त्री तपस्या कर रही थी. वह तपस्या में पूरी तरह से लीन थी. उस दौरान मंदिर में दो सांप आए और गर्भवती स्त्री को परेशान करने लगे, जिसके वजह से स्त्री का ध्यान भंग हो गया. इस पर स्त्री के गर्भ में पल रहे शिशु ने तपस्या भंग होने के कारण पूरे सर्प वंश को श्राप दे दिया कि आज के बाद कोई भी सांप, नाग और नागिन यदि किसी गर्भवती स्त्री के पास गए तो वे अंधे हो जाएंगे. जिसके बाद से ही ये मान्यता प्रचलित हो गई कि गर्भवती स्त्री को देखने से सांप अंधे हो जाते हैं और गर्भवती महिला को नहीं काटते हैं. कथा के अनुसार इस स्त्री के गर्भ से जन्मा वह शिशु आगे जाकर श्री गोगा जी देव, श्री तेजा जी देव और जहरवीर के नाम से प्रसिद्ध हुआ.

इन बातों का रखे ध्यान

हिंदू धर्म में सांप को मारना महापाप की श्रेणी में आता है. माना जाता है कि इसका दुष्परिणाम व्यक्ति को जन्मों तक झेलना पड़ता है और गर्भवती महिला को कभी भी सांपों को मारना नहीं चाहिए. सांप के नजदीक जाने से गर्भावस्था में महिला को और गर्भ में पल रहे शिशु को जाने-अनजाने में नुकसान हो सकता है. यदि किसी गर्भवती महिला के आस-पास आपको सांप नजर आए तो तुरंत सावधान हो जाएं.

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