आजादी के बाद बाबा साहब के संविधान को रौंद कर कांग्रेस ने देश को बार-बार कलंकित किया!

 आजादी के बाद बाबा साहब के संविधान को रौंद कर कांग्रेस ने देश को बार-बार कलंकित किया!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।


 स्वतंत्र भारत पर जो दो सबसे बड़े काले धब्बे लगे वह कांग्रेस के कार्यकाल में कांग्रेस नेताओं ने लगाया। सबसे दुःखद बात यह है कि दोनों दाग कांग्रेस ने अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिये लगाया। 

पहला कला धब्बा 25 जून 1975 को प्रधानमंत्री रहते हुये इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा कर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की मंशा के विपरीत भारतीय लोकतंत्र को आजीवन कलंकित किया

 इंदिरा गांधी ने आपातकाल में अत्याचार करने का कीर्तिमान स्थापित किया।21 महीने पूरा देश ससंकित रहा, लाखों लोग जेल में भर दिये गये।किसी को कोई खबर भी नहीं लग पायी अनगिनत जिंदगियां समाप्त हो गयीं।


कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशव्यापी सिख नरसंहार कर दोबारा देश के लोकतंत्र को कलंकित किया। राष्ट्रीय राजधनी दिल्ली से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सिखों को जीवन बचना मुश्किल हो गया। 

1975 से 1977 तक आपातकाल में संघ ने जिस तरह इंदिरा गांधी के तानाशाही का विरोध किया उसी तरह 1984 में सिखों के नरसंहार का न सिर्फ विरोध किया बल्कि लाखों सिख भाइयों-बहनों को स्वयंसेवकों के घरों में रख कर उनकी रक्षा के लिये खुद को आगे कर दिया। इन दो धब्बों के अलावा कांग्रेस के महापाप का दंश देश की जनता भुगत रही है।


कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिये देश का विभाजन किया। मुसलमानों को उनकी आबादी से ज्यादा भू भाग दिया। यह दंश झेलने के बाद जब भारत में हिंदुओं को शांतिपूर्वक जिंदगी रहे  की कल्पना से बाबा साहब ने संविधान का निर्माण किया तो कांग्रेस ने फिर से तुष्टिकरण करते हुये बाबा साहब के संविधान से छेड़छाड़ करते हुये उनकी आत्मा को तीन-तीन घाव दिये। महात्मा गांधी ने नेहरू के मोह और पक्ष में आजादी के पहले भी और बाद में भी अपने वीटो से मर्यादा को तार-तार किया है।एक सत्य घटना के अनुसार आजादी की लड़ाई के समय मे देश के सबसे जनप्रिय नेता, बहादुरी और बुद्धिमानी के प्रतीक, अंग्रेजों की अत्याचार की नींव हिला देने वाले, 1938 में निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष  नेता जी सुभाष चंद्र बोस को 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। आज देश के पास सुभाष चंद्र बोस के सपनों का भारत (समर्थ भारत) बनाने की राह पर अग्रसर नरेंद्र मोदी को हटाने के लिये उसी नेहरू के लोग सक्रिय है जिन्होंने सुभाष चंद्र बोस को इतना असहयोग किया कि वह चुनाव जीतने के बाद भी कोई काम नहीं कर पाते थे। तब अंग्रेज एडविना के दोस्त ने नेता जी के खिलाफ षड्यंत्र किया था। विदेश और विदेशी दूतावासों का चक्कर लगाने वाले उसके वंशज आज देश के सपूत वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ षडयंत्र किये। यह फैसला जनता को करना है आने वाले दिनों में भारत माता के उपासकों के समर्थन से अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले सुभाष बाबू के विचारों पर चलने वाले नरेंद्र मोदी का साथ दें।मोदी देश के सबसे प्रमुख नेता बन चुके हैं जो अंग्रेजों, एडविना और उसके मित्रों के अनुयायियों को ध्वस्त कर रहे हैं।अपना जख्म याद करिये यदि सुभाष बाबू प्रधानमंत्री होते तो देश की स्थिति आज क्या होती।इस लिये देश की सुरक्षा और मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिये घर से निकल कर मतदान करिये, पांच वर्ष निश्चिंत रहिये।


1947 में मजहब के नाम पर देश का विभाजन की तबाही झेलने वाले भारत के चश्मदीद जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में बाबा साहब के संविधान में संशोधन कर वफ्फ एक्ट घुसा दिया। उसी पाप को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस ने कर्नाटक में पिछड़ों के आरक्षण में मुसलमानों को घुसा दिया। 1976 में इंदिरा गांधी ने आपात काल के दौरान संविधान में धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद शब्द घुसाया। संविधान में कुछ भी जोड़ने-घटने कांग्रेस के लिये लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन से पास कराना होता है।उस समय राज्यसभा भंग थी। उसके विपरीत अपने तानाशाही सत्ता के घमंड में इंदिरा गांधी ने बाबा साहब के संविधान पर हमला बोलते हुये नये शब्द संविधान में घुसाया। विपक्ष ने उसी समय आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने भविष्य के भारत की योजना का ट्रेलर जारी कर दिया। अब आपको तय करना है कि आने वाली आपकी पीढ़ियों की सुरक्षा को लेकर आप कितने सजग हैं। घर से निकल कर मतदान करिये, शांतिपूर्ण मतदान से भविष्य के खतरों को नेस्तनाबूद कर दीजिये। उसके बाद विपक्ष के नेताओं के आह्वान पर जनता ने 1977 में कांग्रेस को बुरी तरह पराजित किया। यही नहीं 1985 में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाये गये संविधान के अनुसार एक मुस्लिम महिला को न्याय मिला। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुये चुनाव में मिले बहुमत की ताकत से महिला को मिले न्याय को छीनते हुये बाबा साहब के संविधान को बदल दिया। कांग्रेस ने कभी बाबा साहब को अपमानित करने का मौका नहीं छोड़ा है। हमें बाबा साहब के भावनाओं के अनुसार उनके बनाये संविधान को फिर से उसी स्वरूप में लाना है, तुष्टिकरण के लिये बाबा साहब के संविधान में जो परिवर्तन किया गया हमें जब तक उसे पलटेंगे नहीं तब तक बाबा साहब की आत्मा को शांति और उनके द्वारा रचे गये संविधान का गौरव पुनः स्थापित नहीं होगा।

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