वशिष्ठनगर, बस्ती
श्री राम जन्मभूमि भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकताओं में रही है और उसे प्राथमिकता में वैश्विक शहर बनाने के प्रयास में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सबसे मजबूत गढ़ अयोध्या को समाजवादियों के हाथ में दे दिया. यदि भारतीय जनता पार्टी ने ठीक से विचार किया होता, जनता के मूड को पहचान किया होता तो आज भारत ही नहीं पूरे देश में इतने किरकिरी नहीं होती.
जो अयोध्या अपराजिता थी ,जो अयोध्या माना जाता था उसे कोई युद्ध में जीत नहीं सकता, उस अयोध्या को रणनीतिक चतुराई से अखिलेश ने हथिया लिया. फिलहाल अयोध्या को तमाम मामलों में यह स्वीकार करना पड़ रहा है की प्रशासनिक स्तर पर सामाजिक स्तर पर अब अयोध्या ने फिर से पुनर्विचार शुरू कर दिया है जो कुछ ही अयोध्या में प्रशासनिक स्तर पर हो रहा था वह अब नहीं होगा.
प्रशासन 20 दिनों से एक्शन में आ चुका है और अपने पांच बड़े फैसलों को वापस ले लिया है. पुराने मंदिर अब तोड़े नहीं जाएंगे .अयोध्या शहर में लोगों की गाड़ियां बिना रोक-टोक के आ जा सकेंगी .
पहले नेताओं और वीआईपी लोगों की गाड़ियां एंट्री पाती थी अर्थात अयोध्या से वीआईपी कल्चर अब समाप्त हो गया है. एयरोसिटी पर रोक लगा दी गई है . फ्लाईओवर का प्रस्ताव कैंसिल हो गया है. विस्थापित दुकानदारों को 30% की छूट बिना ब्याज के दुकानों का आवंटन. 41 गांव नगर निगम में शामिल कर सुविधा बढ़ाएं का निर्णय लिया गया है.
एयरोसिटी बनाने की जिम्मेदारी अयोध्या विकास प्राधिकरण की थी 150 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना था किसान इसका विरोध कर रहे थे अब वह नहीं होगाl आवास विकास प्राधिकरण की ओर से 264 करोड रुपए का 6 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाए जाना था इसमें बदलाव कर दिया गया है .आवासीय योजनाओं में पुराने मंदिर तोड़े नहीं जाएंगे.
जिन दुकानदारों को हटाया गया था उन्हें 30% की छूट होगी और बिना ब्याज के दुकानों का आवंटन होगा. गिरीशपति त्रिपाठी महापौर अयोध्या ने कहा हैकि नागरिकों की सुविधाओं को और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले किए गए हैं .अयोध्या धाम को सुरक्षित वातावरण बनाना पहली प्राथमिकता है.