भारत के साथ वैश्विक षड्यंत्र करती संस्थाएं


 बात है 2014 की जब भारत की EASE OF DOING BUSINESS में रैंकिंग 142 हुआ करती थी 190 देशों में से, तब तक सब कुछ सही था कोई गडबड नहीं थी world Bank काफी अच्छा काम कर रही थी, लेकिन 2017 में भारत की रैंक 100 हो गई विश्व की तमाम संस्थाओं के पेट में दर्द शुरू हो गया, और हाजमा तो तब बिगड़ गया जब भारत की रैंक 2020 में 63 आ गई |

भारत ने पिछले 5 सालों में 1 लाख से ज्यादा succesfull start up दिए हैं, जो इनकी बदहजमी को और बड़ा देते हैं |

दोस्तो अभी ऐसी ही एक संस्था है Repoters without borders जो अभी बिल्कुल अच्छा काम कर रही है क्योंकी इस भाड़े के NGO ने भारत को 159वीं रैंकिंग दी है, press freedom Index में जो हमें पाकिस्तान जैसे घटिया देश से भी पीछे धकेल देती हैं,

और इस घटिया संस्था ने ये रिपोर्ट जारी करते हुए क्या घटिया comment किया कि 2014 के बाद से भारत में बीजेपी सरकार hinduism को बढ़ावा दे रही है |

पाकिस्तान में हिंदू 15% से 1% पर आ गया वहां पत्रकारिता फ्री है और भारत में मुस्लिम 10% से 25% हो गए वहां पत्रकारिता फ्री नहीं है |

2020 के बाद ease of doing business रिपोर्ट का तो हाजमा बिगड़ गया, अब इसका बिगाड़ने की बारी है |

दुःख का विषय है कि ऐसी पक्षपाती संस्थाएं विदेशों में बैठकर चंद भाड़े के लोगों से रिव्यू लेकर रैंकिंग तय करते हैं, और भारत के लोग इन की बेबुनियाद रिपोर्ट पर चर्चा करते हैं

भारत को ऐसे NGO की जरूरत है जो पूरे विश्व की रैंकिंग तय करे एक deep रिसर्च के बाद कब तक हम इन बेकार और बिकाऊ रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेंगे |

सोशल मीडिया से

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