राहुल जी! पीएम पद आपके भाग्य में कभी नहीं .

 

अब राहुल के बकने की बारी है, अहंकारी  अभी जान बचाते मोदी से भाग रहे थे .अब मोदी को जान बचाने की दुहाई देते भाग रहे हैं .इतना अहंकार पालन राहुल जी किसी भी तरह से ठीक नहीं है कि मोदी जी वाराणसी से जान बचाकर के भागे हैं और वह अयोध्या को जनता ने हरा दिया आपकी नानी ने ऐसे ऐसे को कुकृत्य किए हैं ,जिनकी चर्चा आप नई जनरेशन को पता ही नहीं है.

जिस संविधान की  आप दुहाई दे रहे हैं कि भाजपा के लोग संविधान बदलना चाहते थे लेकिन आपकी नानी ने 5 बरस के लोकसभा को 6 बरस कर दिया था. शायद आपको नानी भी नहीं याद होगी और संविधान भी नहीं याद होगा. लाखों राष्ट्र भक्तों को नारी ने जेल में बंद कर दिया था .आप किस बात को लेकर के राष्ट्रभक्ति की बात कर रहे हैं .

आपने किसी तरह से तीतर और बेटी मार लिया .न आपको बोलने आता है ,ना बतियाने ने आता है न ही आपका बॉडी लैंग्वेज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेता की है. संपूर्ण विपक्ष आपको एक विदूषक के रूप में नाटक के मनचक के रूप में जोकर के रूप में आपको देखा है. और अयोध्या से जहां तक हारने की बात है हर व्यक्ति हारता और जितता है .

राजनीति के दो पहलू एक हारेगा एक जीतेगा आप भी हारे  हैं .अतिशय भय ग्रस्त हो कर ही आपने वायनाड  की शरण लिया था.बार और आपकी नानी, आपके बाबा ,आपके दादा सारे लोगों के नाम हारने का रिकार्ड है .

 हारना , जीतना एक प्राकृतिक न्याय हे. लेकिन जिस तरह से आप बोल रहे हैं वह अपने आप में इस बात का संकेत दे रहा है कि आप अहंकार से बिल्कुल भर गए हैं और आप जिस तरह से ललकार रहे हैं इंडिया गठबंधन को लेकर के वह इंडिया गठबंधन नहीं है वह वास्तव में इंडिया ठगबंधन है और आप ठग बंधन के नेता कभी नहीं बन सकते . 

प्रधानमंत्री आपकी बनना !आपकी कुंडली में प्रधानमंत्री का पद नहीं है. मेरे जैसे सामान्य आदमी और पत्रकार के रूप में मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं कि अपनी हैसियत और हश्ब को ध्यान में रख करके प्रधानमंत्री जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति पर टिप्पणी करना चाहिए. यह बात ठीक है प्रधानमंत्री और अपने दोनों ने इतना  गिरा आरोप प्रत्यारोप किया कि राजनीति में सब प्रकार के खटास पैदा हो गई. लेकिन अब चुनाव बीत गया है .चुनाव में प्रधानमंत्री ने आपको कुछ भी कहने से रोका नहीं ओर  आपने भी वाणी बौछार खूब किया .

आप भी इस तरह के टिप्पणियां करने से बचिए जिससे आपको लोग जोकर और विदूषक कहने से बचें .भारत के राजनीति का सबसे बड़ा विद्रूप  चेहरा है आप .वाणी की मर्यादा का अतिक्रमण किसी के लिए ठीक नहीं,


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