'भगवान मेरे जैसी मां किसी को मत देना...' सुसाइड नोट लिख 10वीं के छात्र ने खुद को गोली मारी l

 'भगवान मेरे जैसी मां किसी को मत देना...' सुसाइड नोट लिख 10वीं के छात्र ने खुद को गोली मारी l


मेरठ

अब कोई आपके सिर पर नहीं चढ़ेगा। ठीक है न...। कोई परेशान नहीं करेगा। अब आप खुश रहो। अब आपको मेरे से कोई मतलब नहीं। अकेले खुश रहो। आज तक एक मोटर बाइक तो दिलाई नहीं गई। बाइक दिलानी दूर, पुरानी बुलेट ठीक तक नहीं कराई। और हां, पापा आप कह रहे थे न, जिन के पास फोन नहीं होता, वो कैसे पढ़ाई करते हैं।

तो वो कैसे भी पढ़ते हो, हम पर तो फोन है न। वो फोन तो सिर्फ मम्मी के लिए ही है। मैं तो इस घर में कबाड़ हूं। भूंड (बदसूरत) शक्ल का हूं। बेशर्म हूं। भगवान मेरे जैसी मां किसी को मत देना। बाय...।

अपनों के लिए दिल में भरी बेइंतहा नफरत और गुस्से से भरा ये वो सुसाइड नोट है जो एक 14 साल के बच्चे ने अपने मम्मी, पापा के लिए लिखा। इस सुसाइड नोट को लिखने के बाद बच्चे ने अलमारी से अपने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर निकाली और खुद को शूट कर लिया। 10वीं में पढ़ने वाले इस बच्चे को अपने मां, बाप से ढेरों शिकायतें थी।

मम्मी, पापा उसे बार-बार पढ़ाई के लिए टोकते, उसे मोबाइल, महंगी बाइक नहीं दिला रहे थे। मेरठ के रामराज में मंगलवार रात कारोबारी नितिन का बेटा अंगद दोस्तों के पास ये सारी चीजें देखकर इस कदर तनाव में चला गया कि उसने सुसाइड जैसा खतरनाक कदम उठा लिया। यह तनाव केवल महंगे शौक पूरे करने का नहीं था, बल्कि अपने लुक्स को लेकर भी था। अंगद ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वो कबाड़ है, भूंड शक्ल का है। उसके मन में अपने लुक्स को लेकर कांशिसनेस थी, जो उसे अंदर ही अंदर परेशान करती थी। बच्चे के इस बिहेव पर घरवालों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने तो उसे हर चीज देने का वादा किया था, सही समय पर सारी चीजें देने को तैयार थे, लेकिन दोस्तों ने उसे बरगला दिया था।

बच्चे के नाना सुरेंद्र सिंह को जैसे ही घटना का पता चला वो तुरंत मुजफ्फरनगर से मेरठ चले आए। नाना ने बताया बच्चा पापा से महंगी बाइक, महंगी गाड़ी थार मांगता था। उसके पापा ने वादा किया था 12वीं कर ले इसके बाद नई बाइक दिलाऊंगी। कॉलेज में अच्छे से पढ़ाई कर लेगा तो थार भी दिला दूंगा। अभी तुम बहुत छोटे हो अभी ये सब ठीक नहीं। तब तक घर में रखी बुलेट चलाओ। लेकिन धेवते के दोस्त उसे बरगलाते थे। कहते तेरा बाप मालदार है वो तो तुझे हर अच्छी चीज कभी भी दिला सकते हैं। दोस्तों की ये बातें बच्चे को हरदम परेशान करती थी। बस हमारा बच्चा दोस्तों के इसी बहकावे में आ गया।

मोहल्ले में रहने वाली एक महिला ने बताया कि अंगद और रुद्र दोनों भाइयों में बहुत प्यार था। दोनों एक दूसरे की जान थे। हमारे पूरे मोहल्ले में अंगद सबका प्यारा था। उसने अचानक ये क्या कर लिया हमें भरोसा नहीं हो रहा। इतना अच्छा परिवार, इतने अच्छे बच्चे ने कैसे ये कदम उठा लिया समझ नहीं आ रहा। हर माता, पिता अपने बच्चों को अपने तरीके से समझाते है,पर सोशल मीडिया है कि अपना नकारत्मक छोड़े बिना नहीं रह सकता.

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