भारतीय जनता पार्टी ने देश के राजनीतिक इतिहास में 6 अप्रैल को एक मिल के पत्थर के रूप में इतिहास कालखंड के रूप में दर्ज कर दिया है. अंधेरा छटेगा सूरज निकलेगा कमल निकलेगा यह भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेई ने आज ही के दिन 1980 में यानी 44 साल पहले पार्टी की स्थापना के समय शब्द कहे थे. शायद उन्होंने यह बात पार्टी हताश कार्यकर्ताओं के मनोबल ऊंचा उठने के लिए कहा होगा ,लेकिन इस समय पार्टी कार्यकर्ताओं या फिर विपक्षी दलों में शायद ही कोई ऐसा सोचा होगा कि आने वाले दिनों में अटल जी की यह वाणी ज्योतिषी की तरह सत्य साबित होगी.
इसलिए मोदी का संकल्प अबकी बार चार सौ पार नारा अनायास नहीं पूरे विश्वास रणनीति का हिस्सा है. चार सौ पार किए अभी बाकी कार्य जैसे विश्व महा शक्ति,विश्व गुरु,समान नागरिक संहिता सहित अन्यान्य समस्याओं का समाधान अवशेष है.
1984 में लोकसभा चुनाव में केवल दो सीट प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी 2019 में 303 सीट जीतने वाली भाजपा ने अपने दमदार सफर की कई उतार चढ़ाव देखे और अनेक झटका खाए उतार चढ़ाव और मायूसी भी महसूस की. धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति सबसे अच्छा माध्यम है .राजनीति के माध्यम से हम समाज के दावे पिछले लोगों और उपेक्षित समुदाय के को ऊपर उठाने में आर्थिक सामाजिक विषमताओं को दूर करके का भरसक प्रयास कर सकते हैं.
एक व्यापक बदलाव लाने का जो कार्य बड़े से बड़े वेतन वाली प्रतिष्ठित नौकरी करके भी नहीं किया जा सकता उसे राजनीति के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है. इसी सिद्धांत पर चलते हुए भाजपा ने आरंभ से ही राजनीति को सत्ता की बजाय सेवा का माध्यम समझा .आजादी के कालखंड में भारतीय जनता पार्टी ने परिवार और व्यक्ति केंद्रीय दलों के राजनीति की को कमाई का जरिया बनाया और सेवा भाव को नदी के जलधार से प्रवाहित कर दिया .इसी बीच केंद्र की सत्ता पर आसीन गैर कांग्रेसी सरकारों ने लोक कल्याण के लिए कुछ करने की सोच उसको अस्थिर भी कर दिया गया था. 1914 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की एनडीए सरकार का गठन हुआ तब से सब तस्वीर में बदलाव साफ दिख रहा है. पिछले 10 वर्षों में आम आदमी को इस बात का एहसास हुआ है .
राजनीति अगर सेवा करने के भाव से राजनीति की जाए तो इतना बड़ा और व्यापक परिवर्तन हो सकता है यह नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के ही बल पर संभव है .भाजपा की रीति नीति और संकल्पों की डगर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साबित कर दिया की राजनीति सेवा का सबसे सशक्त माध्यम है .परिवारवादी दल जो अपने पारिवारिक जनों से विकास और उत्थान में सारी ऊर्जा लगा देते हैं, वह राजनीति की सेवा नहीं बल्कि मेवा का माध्यम बनते हैं उनकी डिक्शनरी में परिवार शब्द और देश के बाद आता है .
तीन मार्च 1924 को बिहार की जनता बिहार की राजधानी में गांधी मैदान में जन्म विश्वास रैली में इण्डिया एलाइंस की रैली में बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादवने मोदी के परिवारवादी पार्टी का जवाब देते हुए कहा उनकी कोई संतान नहीं है. इसलिए इस तरह की बात करते हैं.
लालू प्रसाद की आपत्तिजनक टिप्पणी के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के आदिलाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था की परिवार की सेवा करना राजनीति नहीं है प्रधानमंत्री ने कहा हमें उनके परिवार बात पर सवाल उठाने में उठता हूं तो लोगों ने बोलना शुरू कर दिया कि इनका परिवार नहीं है .
मोदी ने कहा 140 करोड़ भारतवासी मेरा परिवार है. मेरा तन, मन, धन सब 140 करोड़ परिवार जनों के लिए समर्पित है .प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के विचारधारा ने भारतीय जनता पार्टी की इसी विचारधारा को लाने का काम किया है ,इसलिए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के अन्य नेता कहते हैं कि हमारे लिए राष्ट्रप्रथम है फैमिली इसके बाद है.
भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को राजनीति और कूटनीति के माध्यम से राज्य धर्म एवं समाज की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया है धर्म के विपरीत आचरण करने वाले सत्ता सुख संपदा ध्यान वैभव एवं आश्चर्य के लिए जीने वाले लोगों को उन्होंने समस्त संसार में विनाशकारी बताया इसलिए हमारी राजनीति के विमर्श में लोकमंगल की भावना होना बहुत आवश्यक है राजनीति को सत्ता पाने का अवसर मानने वाली अनैतिकता ही अस्वस्थ राजनीति परंपरा को घोषित करती है .
यदि राजनीति की ऊर्जा को उर्धगामी बनाई जाए तो नैतिकता मूल्य एवं आदर्शों का समावेश करते हुए समाज की सेवा भाव के जरिए स्वस्थ सक्षम एवं सजग समाज और राष्ट्र भारतीय जनता पार्टी ने देश के राजनीतिक इतिहास में 6 अप्रैल को मील के पत्थर के रूप में इतिहास कालखंड के रूप में दर्ज कर दिया है.
अंधेरा छटेगा सूरज निकलेगा कमल निकलेगा यह भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेई ने आज ही के दिन 1980 में यानी 44 साल पहले पार्टी की स्थापना के समय शब्द कहे थे शायद उन्होंने यह बात पार्टी की कार्यकर्ताओं को मनोबल ऊंचा उठने के लिए कहा होगा लेकिन इस समय पार्टी कार्यकर्ताओं या फिर विपक्षी दलों में शायद ही कोई ऐसा सोचा होगा कि आने वाले दिनों में अटल जी की यह वाणी ज्योति की तरह सत्य साबित होगी 1984 में लोकसभा चुनाव में केवल दो सिम प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी 2019 में 303 सीट जीतने वाली भाजपा ने अपने दमदार सफर की कई उतार चढ़ाव देखे और अनेक झटका खा और मायूसी भी महसूस की धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति के सबसे सस्ता माध्यम है .
राजनीति के माध्यम से हम समाज के दावे पिछले लोगों और उपेक्षित समुदाय के को ऊपर उठाने में आर्थिक सामाजिक विषमताओं को दूर करके का भर्षक प्रयास कर सकते हैं एक व्यापक बदलाव लाने का जो कार्य बड़े से बड़े वेतन वाली प्रतिष्ठित नौकरी करके भी नहीं किया जा सकता उसे राजनीति के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है इसी सिद्धांत पर चलते हुए भाजपा ने आरंभ से ही राजनीति को सट्टा की बजाय सेवा का माध्यम समझा आजादी के कालखंड में भारतीय जनता पार्टी ने परिवार और व्यक्ति केंद्रीय दलों के राजनीति की को कमाई का जरिया बनाया और सेवा भाव को नदी के जलधार से प्रवाहित कर दिया इसी बीच केंद्र की सत्ता पर आसीन गैर कांग्रेसी सरकारों ने लोक कल्याण के लिए कुछ करने की सोच उसको अस्थिर भी कर दिया गया है 1914 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पूर्ण मुक्ति की एनडीए सरकार का गठन हुआ तब से सब तस्वीर में बदलाव साफ दिख रहा है पिछले 10 वर्षों में आम आदमी को इस बात का एहसास हुआ है की राजनीति अगर सेवा करने के भाव से राजनीति की जाए तो इतना बड़ा और व्यापक परिवर्तन हो सकता है यह नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के ही बल पर संभव है भाजपा की रेत नीति और संकल्पों की डगर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साबित कर दिया की राजनीति सेवा का सबसे सटक माध्यम है परिवारवादी डाल जो अपने पारिवारिक जनों से विकास और उत्थान में सारी ऊर्जा लगा देते हैं वह राजनीति की सेवा नहीं बल्कि मेवा का माध्यम बनते हैं उनकी डिक्शनरी में परिवार शब्द और देश के बाद आता है तीन मार्च 1924 को बिहार की जनता बिहार की राजधानी में गांधी मैदान में जन्म विश्वास रैली में एनडीए एलाइंस की रैली में बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादवने मोदी के परिवारवादी पार्टी का जवाब देते हुए कहा उनकी कोई संतान नहीं है इसलिए इस तरह की बात करते हैं लालू प्रसाद की आपत्तिजनक टिप्पणी के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के आदिलाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था की परिवार की सेवा करना राजनीति नहीं है प्रधानमंत्री ने कहा हमें उनके परिवार बात पर सवाल उठाने में उठता हूं तो लोगों ने बोलना शुरू कर दिया कि इनका परिवार नहीं है ईश्वर नरेंद्र मोदी ने कहा 140 करोड़ भारतवर्ष मेरा परिवार है मेरा तन मन धन सब 140 करोड़ परिवार जनों के लिए समर्पित है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के विचारधारा ने भारतीय जनता पार्टी की इसी विचारधारा को लाने का काम किया है इसलिए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के अन्य नेता कहते हैं कि हमारे लिए राष्ट्रप्रथम है फैमिली इसके बाद है भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को राजनीति और कूटनीति के माध्यम से राज्य धर्म एवं समाज की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया है धर्म के विपरीत आचरण करने वाले सत्ता सुख संपदा ध्यान वैभव एवं आश्चर्य के लिए जीने वाले लोगों को उन्होंने समस्त संसार में विनाशकारी बताया इसलिए हमारी राजनीति के विमर्श में लोकमंगल की भावना होना बहुत आवश्यक है राजनीति को सत्ता पाने का अवसर मानने वाली अनैतिकता ही अस्वस्थ राजनीति परंपरा को घोषित करती है यदि राजनीति की ऊर्जा को उदगमी बनाई जाए तो नैतिकता मूल्य एवं आदर्शों का समावेश करते हुए समाज की सेवा भाव के जरिए स्वस्थ सक्षम एवं सजग समाज और राष्ट्र निर्माण किया जा सकता है भाजपा की चाहे दो सांसद रहे हो चाय 303 राजनीति को हमेशा सेवा का माध्यम बनाया यह बात उनके चाल चरित्र और चेहरे से झलकता है राजनीति का चरित्र चित्रण उनके नेतृत्व में प्रतिबंधित होता है वैश्विक महामारी कोरोना के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान सरकार के जिस प्रकार से गरीबों में रसायन की सहायता के लिए राजनीतिक दूर दृष्टि के साथ समाज एवं प्रशासन पर शासन एवं प्रशासन का कार्य किया और संस्थाओं के सक्षम नेतृत्व का उदाहरण है कोरोना के समय विपक्ष ने नकारात्मक भूमिका निभाई देश में बनी वैक्सीन से लेकर तमाम व्यवस्थाओं का उपवास बढ़ाया देश की जनता को भ्रमित करने का काम किया इसमें दो राय नहीं की विश्व के सबसे बड़ी आबादी वाला भारत जैसे देश में कोरोना के संकट में निपटते हुए गरीबों मजदूर किसान और वंचितों को हिट की रक्षा करने से लेकर के उनके आर्थिक गतिविधियों को सुचारू से चलने का कार्य किसी चुनौती से काम नहीं था लेकिन संकट के समय में प्रधानमंत्री ने देश के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ जोड़ने का समय किस प्रयास करते हुए देश के आत्मनिर्भर बनाने और जन कल्याणकारी राज्य के लिए सरकार की भाभी प्राथमिकताओं और योजनाओं को धरातल नहीं उतरा राजनीति का मूल उद्देश्य जनता के सामाजिक आर्थिक कल्याण का अधिकतम होता है यदि राजनीति का पूरी तरह से सही और सकारात्मक दिशा में प्रयोग किया जाए तो विकास के नए शिखर छोड़ेंगेमानवता की सेवा की जा सकती है और देश को निरंतर आगे बढ़ाया जा सकता है प्रधानमंत्री द्वारा साफ सफाई जैसे छोटे बिंदु को गरीबों को आवास की सुविधा के साथ-साथ किस महिलाएं युवा दलित आदिवासी वंचित देश का एक-एक नागरिक की चिंता उन्होंने किया प्रधानमंत्री ने सेवा में अच्छा पार्टी अच्छा काम किया है अच्छा काम किया है और आने वाले भाभी पीढ़ी को भी प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और भारत में सीख सकती तमाम विषयों पर समय-समय पर उनका ध्यान आकर्षण कहा किया है कहा जाता है कि व्यक्ति अपने कर्मों का फल भोगता है प्रधानमंत्री ने देश की और देशवासियों की सेवा में दिन-रात एक कर लिया और मिशन सेवा में ही को चरितार्थ किया आज आदमी अपना भला बुरा सब कुछ अच्छे से समझता है उसे पता है कि कौन राजनीति के माध्यम से सेव कर रहा है और कौन राजनीति के बहाने मेवा हड़पने की तैयारी में है इसलिए देशवासी विपक्ष के दोस्त प्रचार प्रलोभन और मायाजाल में न फंसे वर्तमान में देश में आम चुनाव का माहौल है तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव मैदान में हैं देश की जनता भली बात समझ चुकी है उसका कल्याण और उत्थान वही व्यक्ति कर सकता है जो 140 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार मानता हो जो बिना भेदभाव और पूर्वाग्रह के प्रत्येक व्यक्ति की सेवा में जुटा रहता है 1923 में भाजपा की स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था आज अस्तित्व के संकट से जूझ रही परियों हमारे खिलाफ साजिश रच रहेंगे लेकिन हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि गरीब बच्चे दलित आदिवासी कमल के रक्षा कर रहे हैं उनकी रक्षा भारत भाजपा के लिए दिन-रात काम कर रही है हमारी पार्टी मां भारती संविधान और राष्ट्र को समर्पित है उम्मीद की और विश्वास किया जाना चाहिए कि दूसरे दल भी भाजपा के सेवा भाव को ग्रहण कर राष्ट्र और राष्ट्रवासियों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रेरित करेंगे लेकिन जहां भाजपा है वहीं विजय है किया जा सकता है .भाजपा की चाहे दो सांसद रहे हो चाहे 303 राजनीति को हमेशा सेवा का माध्यम बनाया. यह बात उनके चाल चरित्र और चेहरे से झलकता है. राजनीति का चरित्र चित्रण उनके नेतृत्व में प्रतिबंधित होता है.
वैश्विक महामारी कोरोना के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान सरकार के जिस प्रकार से गरीबों में रसायन की सहायता के लिए राजनीतिक दूर दृष्टि के साथ समाज एवं प्रशासन पर शासन एवं प्रशासन का कार्य किया और संस्थाओं के सक्षम नेतृत्व का उदाहरण है कोरोना के समय विपक्ष ने नकारात्मक भूमिका निभाई देश में बनी वैक्सीन से लेकर तमाम व्यवस्थाओं का उपवास बढ़ाया देश की जनता को भ्रमित करने का काम किया इसमें दो राय नहीं की विश्व के सबसे बड़ी आबादी वाला भारत जैसे देश में कोरोना के संकट में निपटते हुए गरीबों मजदूर किसान और वंचितों को हिट की रक्षा करने से लेकर के उनके आर्थिक गतिविधियों को सुचारू से चलने का कार्य किसी चुनौती से काम नहीं था लेकिन संकट के समय में प्रधानमंत्री ने देश के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ जोड़ने का समय किस प्रयास करते हुए देश के आत्मनिर्भर बनाने और जन कल्याणकारी राज्य के लिए सरकार की भाभी प्राथमिकताओं और योजनाओं को धरातल नहीं उतरा राजनीति का मूल उद्देश्य जनता के सामाजिक आर्थिक कल्याण का अधिकतम होता है यदि राजनीति का पूरी तरह से सही और सकारात्मक दिशा में प्रयोग किया जाए तो विकास के नए शिखर छोड़ेंगेमानवता की सेवा की जा सकती है और देश को निरंतर आगे बढ़ाया जा सकता है प्रधानमंत्री द्वारा साफ सफाई जैसे छोटे बिंदु को गरीबों को आवास की सुविधा के साथ-साथ किस महिलाएं युवा दलित आदिवासी वंचित देश का एक-एक नागरिक की चिंता उन्होंने किया प्रधानमंत्री ने सेवा में अच्छा पार्टी अच्छा काम किया है अच्छा काम किया है और आने वाले भाभी पीढ़ी को भी प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और भारत में सीख सकती तमाम विषयों पर समय-समय पर उनका ध्यान आकर्षण कहा किया है .
कहा जाता है कि व्यक्ति अपने कर्मों का फल भोगता है प्रधानमंत्री ने देश की और देशवासियों की सेवा में दिन-रात एक कर लिया और मिशन सेवा में ही को चरितार्थ किया आज आदमी अपना भला बुरा सब कुछ अच्छे से समझता है उसे पता है कि कौन राजनीति के माध्यम से सेव कर रहा है और कौन राजनीति के बहाने मेवा हड़पने की तैयारी में है इसलिए देशवासी विपक्ष के दोस्त प्रचार प्रलोभन और मायाजाल में न फंसे वर्तमान में देश में आम चुनाव का माहौल है तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव मैदान में हैं देश की जनता भली बात समझ चुकी है उसका कल्याण और उत्थान वही व्यक्ति कर सकता है जो 140 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार मानता हो जो बिना भेदभाव और पूर्वाग्रह के प्रत्येक व्यक्ति की सेवा में जुटा रहता है 1923 में भाजपा की स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था आज अस्तित्व के संकट से जूझ रही परियों हमारे खिलाफ साजिश रच रहेंगे लेकिन हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि गरीब बच्चे दलित आदिवासी कमल के रक्षा कर रहे हैं उनकी रक्षा भारत भाजपा के लिए दिन-रात काम कर रही है हमारी पार्टी मां भारती संविधान और राष्ट्र को समर्पित है उम्मीद की और विश्वास किया जाना चाहिए कि दूसरे दल भी भाजपा के सेवा भाव को ग्रहण कर राष्ट्र और राष्ट्रवासियों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रेरित करेंगे लेकिन जहां भाजपा है वहीं विजय है
इसलिए मोदी का संकल्प अबकी बार चार सौ पार नारा अनायास नहीं पूरे विश्वास रणनीति का हिस्सा है. चार सौ पार किए अभी बाकी कार्य जैसे विश्व महा शक्ति,विश्व गुरु,समान नागरिक संहिता सहित अन्यान्य समस्याओं का समाधान अवशेष है.