दलबदलुओं को सुरक्षा की रेवड़ी के बीच भाजपा विधायक ने सुरक्षा वापस करने की पेशकश कर अमितशाह को आइना दिखाया!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यदि आप दूसरे में हैं तो आपकी सुनवाई की क्या गारंटी है यह नहीं मालूम लेकिन यदि आप भाजपा के लिये अपने दल से गद्दारी करें तो केंद्र सरकार आप पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों का बेड़ा उतार देगी।उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के जिन विधायकों ने अपनी पार्टी के प्रत्याशी के विरुद्ध क्रॉस वोटिंग करके भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया उनमें अधिकांश को वाई श्रेणी की सुरक्षा से महफूज किया गया।भारतीय जनता पार्टी जिसे दागी कहती है यदि वह भाजपा में शामिल हो जाये तो उसे क्लीनचिट मिल जाती है या जांच अतिमंद स्थित में पहुंच जाती है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की हर्रैया विधानसभा सीट से चुने गये भाजपा विधायक अजय सिंह ने सुरक्षा वापस करने की पेशकश कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमितशाह को आइना दिखाया है।सोशल मीडिया के अपने अकाउंट पर उन्होंने लिखा है कि "उत्तर प्रदेश शासन और जिला सुरक्षा समिति के सदस्य गणों से आग्रह है कि मेरे सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर होने वाला व्यय सरकार पर अतिरिक्त भार है। अतः मेरे साथ तैनात सुरक्षा कर्मियों को हटा लिया जाय,मुझे कोई आपत्ति नहीं है।" यह कह कर अपनी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को वापस करने के लिये पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि "मौजूदा सरकार की शासन व्यवस्था इतनी सुदृढ़ है कि इसमें एक आम आदमी की भी सुरक्षा की पूरी गारंटी है। इस स्थिति में एक विधायक के रूप में हम चाहते हैं कि हमारी सुरक्षा पर बेवजह सरकारी धन खर्च न हो इसलिए हमने सुरक्षा हटाने के लिए पत्र लिखा है"। पत्र जारी कर विधायक ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों की समय सीमा बढ़ाने हेतु शासन व जिला सुरक्षा समिति को पत्र लिखना था। इसके उत्तर में विधायक ने पत्र लिखा कि मेरे सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर होने वाला व्यय सरकार पर अनावश्यक है अतः मेरी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को हटा लिया जाए इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है। विधायक अजय सिंह वकालत की पढ़ाई के साथ-साथ एमबीए डिग्री धारी है और उन्होंने अपनी पढ़ाई के उपरांत 10 साल निजी क्षेत्र में नौकरियां भी की हैं। हरैया की जनता ने उन्हें दूसरी बार सदन में विधायक बनाकर भेजा है। पत्र में लिखा गया है कि उच्च शिक्षित होने का नतीजा यह रहा कि हरैया के विकास के लिए उन्होंने सदन में आवाज उठाई और क्रमबद्ध तरीके से हरैया के विकास को गति प्रदान की। विधायक अजय सिंह ने बताया कि मौजूदा सरकार की शासन व्यवस्था इतनी सुदृढ़ है कि इसमें एक आम आदमी की भी सुरक्षा की पूरी गारंटी है। इस स्थिति में एक विधायक के रूप में हम चाहते हैं कि हमारी सुरक्षा पर बेवजह सरकारी धन खर्च न हो इसलिए हमने सुरक्षा हटाने के लिए पत्र लिखा है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) के चार विधायकों को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। इन चारों ने गत 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक उम्मीदवार के पक्ष में ‘क्रॉस-वोटिंग’ की थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने रविवार को बताया कि सरकार ने सपा विधायक अभय सिंह (गोसाईगंज सीट, अयोध्या), मनोज कुमार पांडे (ऊंचाहार सीट, रायबरेली), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज, अमेठी) और विनोद चतुर्वेदी (कालपी, जालौन) को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई है। इन चारों के साथ ही हाल ही में बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) से भाजपा में शामिल हुए अंबेडकर नगर के सांसद रितेश पांडे के पिता सपा विधायक राकेश पांडे, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने भी 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग’ की थी। नतीजतन भाजपा अपने उम्मीदवार संजय सेठ को राज्यसभा भेजने में सफल रही थी जबकि सपा के आलोक रंजन हार गए थे। वाई श्रेणी की सुरक्षा पाये चारों विधायकों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के आठ कर्मियों का सुरक्षा घेरा मिलेगा। इनमें से पांच उनके आवास की निगरानी करेंगे और बाकी सुरक्षा कर्मी यात्रा के दौरान उनके साथ रहेंगे। 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में अपने विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था, "वे (विधायक) उन्हें मिले 'पैकेज' और सुरक्षा के कारण (भाजपा में) गए हैं।"