पीएम मोदी ने 140करोड़ परिवार जनों को लिखा पत्र,विश्व महाशक्ति, सहित अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए तीसरी बार भी मोदी सरकार के प्रति अपना अमूल्य समर्थन दें

 नई दिल्ली: 

तीसरी बार भी मोदी सरकार


लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी है। पीएम ने इस चिट्ठी में लिखा, "मेरे 140 करोड़ परिवारजनों के साथ विश्वास, सहयोग और समर्थन से जुड़ा यह मजबूत रिश्ता मेरे लिए कितना विशेष है, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है।" उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि, सबसे बड़ी पूंजी है। इस चिट्ठी में पीएम ने अपनी सरकार की तमाम उपलब्धियां गिनवाई हैं।

'आपका और हमारा साथ अब एक दशक पूरा होने वाला'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी इस चिट्ठी में लिखा कि आपका और हमारा साथ अब एक दशक पूरा करने जा रहा है। मेरे परिवारजनों के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव ही अपनी हर नीति, हर निर्णय के जरिए गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कृतसंकल्पित सरकार ने जो ईमानदार प्रयास किए हैं, उनके सार्थक परिणाम हमारे सामने हैं।

आपका भरोसा और विश्वास मेरे साथ था- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लिखा, "प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए पक्के मकान, सभी के लिए बिजली, पानी, गैस की समुचित व्यवस्था, आयुष्मान भारत योजना के जरिए इलाज की व्यवस्था, किसान भाई-बहनों को आर्थिक मदद, मातृ वंदना योजना के जरिए माताओं-बहनों को सहायता जैसे अनेक प्रयास सिर्फ और सिर्फ इसलिए फलीभूत हो पाए हैं, क्योंकि आपका भरोसा, आपका विश्वास मेरे साथ था।

बीते एक दशक में भारत में हुए बड़े बदलाव- प्रधानमंत्री

पत्र में पीएम मोदी ने कहा, "विकास और विरासत को साथ लेकर आगे बढ़ते भारत ने बीते एक दशक में जहां बुनियादी ढांचों का अभूतपूर्व निर्माण देखा, तो वहीं हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और राष्ट्रीय धरोहरों के पुनरुत्थान का साक्षी बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ। अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा को सहेजकर आगे बढ़ते देश पर आज हर देशवासी को गर्व है।"

10 साल में लिए गए कई बड़े फैसले

उन्होंने लिखा, "यह आपका विश्वास और समर्थन ही था कि जीएसटी लागू करना, धारा 370 समाप्त करना, तीन तलाक पर नया कानून, संसद में महिलाओं के लिए नारी शक्ति बंदन अधिनियम, नये संसद भवन का निर्माण, आतंकवाद और नक्सलवाद पर कठोर प्रहार जैसे अनेक ऐतिहासिक और बड़े फैसले लेने से हम चूके नहीं।

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