हारे को हरी नाम , कांग्रेस का ही नाम
की बात को मानकर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल के कहने पर भी चुनाव लड़ने से मुकर रहे हैं. इनके दिमाग में है कि कहीं परस्पर गुटबाजी उनकी प्रतिष्ठा को दावों पर ने लगा दे. ऐसी स्थिति में एक-एक का दिग्गज मैदान छोड़कर के भाग रहा है .देश में लोकसभा के चुनाव 65 दिन बचे हुए हैं ऐसे में हर पार्टी के दल एक दूसरे में आ जा रहे हैं ,लेकिन कांग्रेस में स्थित है कि नेता खुद ही चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं .
इमेज::सोशल मीडियाआखिर कांग्रेस के दिग्गज नेता लोग चुनाव से मना क्यों कर रहे हैं क्या कांग्रेस के मान चुकी है? कि मोदी की जीत पक्की है या फिर परस्पर गुटबाजी के चलते एक दूसरे के निपटने के चक्कर में कांग्रेस के सभी की खराब हो रही है. ऐसे अनेक सवालों के पीछे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की जो इच्छा है उसमें चुनाव नहीं लड़ने की हाई कमान को बता दिए.
बीते दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने टिकट मिलने के बाद चुनाव न लड़ने की इच्छा जताते हुए टिकट वापस कर दिया .कांग्रेस का कोई नेता टिकट लौट रहा है तो कोई चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुका है. जहां एक को राहुल गांधी कांग्रेस को गारंटी को लेकर के दम भर रहे हैं वहीं उनकी पार्टी के सिपाहियों की कोई गारंटी लेने वाला नहीं.
टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे यह अभी एक समस्या बनी हुई है. ऐसे में नरेंद्र मोदी सेदो-दो हाथ करने की स्थिति में कांग्रेस के दिग्गज चुनाव से परहेज कर रहे है. पर उनके नक्कर खाने के टूटी की आवाज कोई सुनने वाला नहीं है हर कोई हारा हुआ हताश निराश कांग्रेस की छोड़कर कहीं भी जाने के लिए तैयार है उसके दिमाग में है मेरे साथ कुछ भी बढ़ता हो जाए ठीक लेकिन कांग्रेस का टिकट लेकर के अपनी फजीहत नहीं करेंगे राष्ट्रीय स्तर पर जितने भी बड़े नेता हैं सब चुनाव लड़ने से परहेज कर रहे हैं ऐसे में कांग्रेस का कौन खेवन हर होगा जहां शशि थरूर दिग्विजय सिंह राहुल और प्रियंका सोनिया गांधी हो उसमें एक ही चीज चद्दर होती है कि इनका भविष्य अधर में है और बर्बादी के कगार पर है परिवार बात छोड़ेंगे नहीं और पार्टी का पद भी नहीं छोड़ेंगे ऐसी स्थिति में कांग्रेस भारतवर्ष की लड़ाई में आंधी और गहरी खाई की ओर जाती हुई दिखाई दे रही है.