बस्ती/लखनऊ
*अरबपति बनने की चाहत में उपायुक्त विक्रीकर पहुंचे अरबों की कोठी में
योगी की जीरो टॉलरेंस नीति का सबसे बड़ा खुलासा विधानसभा से 100 कदम की दूरी पर जीएसटी मुख्यालय के अंदर हुआ .एक व्यापारी से जीएसटी छोड़ने की एवरेज में दोलाख की डिमांड करने वाले धनेंद्र पांडे को कल विजिलेंस टीम ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया.
मीराबाई मार्ग स्थित जीएसटी मुख्यालय पर घनेंद्र पांडे के कमरे में विजिलेंस टीम ने पहुंच कर उनकी गिरफ्तारी की. बताते हैं कि रिश्वत विरोधी हेल्पलाइन नंबर 9454 40 1866 पर एक डाटा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के मालिक ने एक दरखास्त दी थी राज्य कर विभाग के उपायुक्त घनेंद्र पांडे द्वारा घोष मांगने की शिकायत पर एसपी विजिलेंस डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी ने मामले की जांच अवश्य शिकायतकर्ता को बुलाकर पूछताछ किया.
बताते हैं कि सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों को जीएसटी में विशेष छूट का प्रावधान किया है यदि कोई फर्म निर्यातक के लिए विभिन्न वस्तुओं को अलग-अलग जीएसटी दलों का भुगतान करती है तो संबंधित फार्म अपने ऐसे खर्चे पर दिए गए जीएसटी का रिफंड क्लेम कर सकती है. परंतु अमेरिका की कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा सीट्स को एक –डेज बोर्ड में डिजिटल फॉर्म में तैयार कर वापस भेज देती है .
निर्यातक के इस काम में मुख्य रूप से तीन प्रकार काव्य होता है ,जिसमें व्यवस्थापन संबंधी डाटा एंट्री करने वालों को भुगतान और सोस अमेजॉन वेब सर्विस पर किया जाता है .कंपनी ने उनके दिए गए जीएसटी के आधार पर लगभग 20 लख रुपए के रिफंड क्लेम किया था रिफंड क्लेम पास करने के बदले उपयुक्त घनेंद्र पांडे ने दबाव बनाया और 20 लाख के सापेक्ष ₹200000 के डिमांड कर दे बताते हैं कि एसपी विजिलेंस ने वाणिज्य कर ऑफिस में तैनात हां नरेंद्र पांडे को₹200000 देते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया यह मामला एकदम हाई-फाई इलाके में जवाहर भवन इंदिरा भवन शक्ति भवन बिक्री कर भवन सब आधे किलोमीटर की दूरी पर विधानसभा से हैं इतने बड़े दुस्साहस को क्या नाम दिया जाए बताते हैं कि धनेंद्र पांडे संभावित हरिया तहसील के निवासी हैं कम उम्र में अरबपति बनने की चाहत नहीं उनको जेल पहुंचा दिया