महाकवि कालिदास ने रघुवंश की रचना करते समय संसार के कारण संसार के माता-पिता और संसार के रक्षक शिव और पार्वती का नमन करते हुए कहा था कि जगत: पितरों बंदे पार्वती परमेश्वरो
अर्थात संसार के कारण, वाणी और अर्थ की तरह वाड़ी और अर्थ से संप्रिक्कित ,परस्पर संपर्क अन्योनाश्रीत संबंध रखने वाले आदि देव ,महादेव, जगत कारण शिव और पार्वती को मैं नमन करता हूं। नमन इसलिए करता हूं कि वह आदि देव हैं ,नमन इसलिए भी करता हूं कि वह महादेव हैं ,नमन इसलिए भी करता हूं कि न उनका आदि है नअंत है ।संसार जब सोता है तभी जागते हैं संसार जाता है तब वहचिंतन करते हैं
संहार और पालन के सिद्धांत को सतुलन लेकर चलने वाले शिव हमारा कल्याण करें ।उन्होंने रघुवंशम की रचना करते समय कहा , जगत पितरों बंदे पार्वती परमेश्वर अर्थात भगवान राम की आराधना करने के पहले उन्होंने शिवराधन को सर्वोच्च स्थान दिया। इसीलिए उन्होंने कहा इक्ष्वाकु वंश का वर्णन करने जा रहा हूं ।उसके लिए ही महादेव आवे सरस्वती की प्रतीक प्रतिनिधि मां पार्वती वाणी और अर्थ की तरह हमेशा हमारा मार्गदर्शन करें।
इस शिव आज ब्रह्मांड का सबसे बड़ा पावर जिसको महाशिवरात्रि के रूप में हम जानते हैं। आज सारा संसार मना रहा है संपूर्ण भारत में शिवो भुत्ववा की परिकल्पना साकार हो रही है ।सत्ता प्रतिष्ठान से लेकर के सामान्य नागरिक तक मन वचन कर्म से शिवार्पण कर रहा है ।भांग धतूर बेर फल फूल सब ले जाकर के शिव की पार्थिव शिवलिंग को समर्पित कर यही आराधना कर रहा है। त्वदीययम वस्तु गोविंद त्भयम मेसमर्पित। प्रेम एवं समर्पित ग्रहण सनमा को तो आप प्रसिद्ध खोज परमेश्वर अर्थात हे भगवान यह सब आपका है मैं आप ही को समर्पित कर रहा हूं और उसके बाद यह कहता है कि यह दक्षिण पद भ्रष्ट है मातृहिनाम ज्यादा भावे तट सरवन क्षमता देव प्रसिद्ध पूज्य परमेश्वर हो ही आदि देव महादेव अगर मेरी पूजा में कोई त्रुटि रह गई है तो अपनी संतान समझ करके मुझे क्षमा करिए और हमारे पर हमारे राष्ट्र पर हमारे परिवार पर आपकी कृपा बनी रहे ।
आज महाशिवरात्रि का पर्व शिव और पार्वती की आराधना का पर्व ही नहीं हैअक्षय ऊर्जा के स्रोत का पर्व है यह ।ऊर्जा निरंतर प्रवाहित हो रही है ।आयुष प्रवाह मन में निखिल ब्रह्मांड नायक शिव का समर्थ सबके साथ आज से ऊर्जा का संचार होगा और वह संचार आने वाले फसलों के लिए भी लाभदायक होगा। शरीर के लिए लाभदायक होगा संयोग है कि आज ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भी है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अगर पार्वती का प्रत्येक मान लिया जाए तो सबसे बड़ी बातें होगी संसारके माता-पिता जो सबके भाव के कारण हैं उनके सहयोग महाशिवरात्रि औरअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का परस्पर अन्य निश्चित संबंध है। आज हम यह कह सकते हैं शिव शाश्वत हैं अनंत हैं कल्याणकारी हैं पौराणिक मान्यता के अनुसार शिव एक शक्ति हैं एक रहस्य में ऊर्जा है जगत के चलायमान कारण भी हैं अभी शिव की ऊर्जा को वैज्ञानिकों ने कोई नाम देने में सफलता नहीं पाई है हमारे आदि ऋषि मुनि अज्ञात शिव को वैज्ञानिक दृष्टि से देखकर के आज के महाशिवरात्रि पर्व को खास बनाने में लगे हुए हैं।
एक अन्य मान्यता के अनुसार आज रात्रि में ग्रह उत्तरी गोलार्ध में विद्यमान होता है प्रकृति और पुरुष का सहयोग शिव और पार्वती का संजोग शिवरात्रि और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का परस्पर सहयोग अपने आप में शिव और अनंत शक्ति की महत्ता को निषेचित करता है महाशिवरात्रि पर्व की विशेषता सनातन धर्म के सभी प्रेमी इस त्यौहार को मानते हैं महाशिवरात्रि के दिन भक्त जब तक कर पार्टी शिवलिंग का दर्शन कर अपने समर्थ के अनुसार इच्छित बेलपत्र धतूरा बर आज समर्पण के साथ शिवराधन करते हैं और सुख संपन्नता धन-धन ईश्वर की कामना करते हैं और अपनी दैनिक गतिविधियों को संचालन में ईश्वर से और ऊर्जा प्राप्त करने का निवेदन करते हैं आज का दिन जहां शिवरात्रि के लिए महत्वपूर्ण है वही सबसे बड़ा महत्व इस बात का है ।कि संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी आज है इसलिए दोनों की प्रासंगिकता अपने आप में बढ़ जाती है भारत आदि से ही मानना रहा है यत्र नासरार्यस्तु पूज्यंतेरमंते तत्र देवता और आदिशक्ति से लेकर के सीता और पार्वती तक ने हमारा नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व किया है और राक्षसी शक्तियों को सदा समाप्त करने में आर्यावर्त की नारी शक्ति का विशेष हाथ रहा है। चाहे महिषासुर का वध, चाहे शुंभ निशुंभ या रक्तबिज ,किसी अन्य का रहा हो की सारी आशुरी शक्तियों को समाप्त करने के लिए हमारी सकारात्मक शक्ति शिव और शंकर की प्रेरणा से साथ-साथ चलती है और आज की नारी शक्ति को पार्वती और दुर्गा की शक्ति मिले उनकी प्रेरणा से नारी शक्ति विश्व का नेतृत्व करें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रसोई गैस की कीमतों में योगदान दिया है वह अपने आप में इस बात का प्रतीक है भारत महिलाओं के प्रति सतर्क है और महिलाओं को वाला नहीं अब साबला मानने की जरूरत है । यही आज महा शिवरात्रि व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का शुभ स्मप्रीकृत संदेश है।
जय हिंद राज्य नाथ तिवारी