मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
पीलीभीत से भाजपा का टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के नाम एक भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि एक सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत की जनता से उनका संबंध अंतिम सांस तक बना रहेगा। उन्होंने सेवा का अवसर देने के लिए पीलीभीत की जनता का धन्यवाद भी किया है। वरुण गांधी ने पीलीभीत से अपना पुराना संबंध याद करते हुए लिखा है कि वे पहली बार पीलीभीत तब आए थे, जब उनकी उम्र केवल तीन साल की थी। तब उन्हें यह नहीं पता था कि उनका यह संबंध कितना मजबूत और लंबा होने जा रहा है, लेकिन तब से पीलीभीत की जनता से उनका संबंध बना और आज तक यह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आगे भी उनका यह संबंध बना रहेगा। पीलीभीत से टिकट कटने के बाद जनता के नाम पत्र लिखते हुए उन्होंने जनता की सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि वे जनता के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे, चाहे इसका कोई भी परिणाम भुगतना पड़े। चर्चा यहां तक की जा रही थी कि यदि भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया, तो वे समाजवादी पार्टी या तृणमूल कांग्रेस जैसे किसी दल से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। वरुण गांधी ने चुनाव नामांकन दाखिल करने के लिए पत्र भी खरीद लिए थे जिससे इस बात की चर्चा तेज हो गई थी। लेकिन फिलहाल उन्होंने इस तरह की अटकलों को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अब वे अपनी मां मेनका गांधी के चुनाव क्षेत्र सुल्तानपुर में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे।
बताते हैं वरुण के भावनात्मक पत्र ने न सिर्फ उनके समर्थकों बल्कि तमाम ऐसे लोगों जिनकी वरुण गांधी के माध्यम से कभी मदत हुई थी उनको हिला दिया है। यदि वरुण गांधी पीलीभीत चुनाव में चुप्पी साध लिये तो भाजपा की पराजय तय है।वरुण का टिकट कटने से उतना गुस्सा लोगों में नहीं था जितना वरुण के दिल छू लेने वाले पत्र के बाद तूफान मच गया। बहेड़ी के रहने वाले रामकुमार वर्मा ने कहा अब हम किसके भरोसे दिल्ली जायेंगे। उन्होंने बताया कि वरुण गांधी कारण उनका बेटा फिर से चलने लगा। चार वर्ष तक दिल्ली में हमारे परिवार को रहने, अस्पताल पहुंचाने, दवा कराने की हिम्मत किसी भाजपाई में नहीं है। पीलीभीत जिला मुख्यालय पर रेस्टोरेंट चला रहे राजीव सक्सेना ने बताया कि पिता जी के निधन के बाद भाजपा से जुड़ा एक व्यक्ति उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया था।कहीं से कोई मदत नहीं मिल रही थी, न प्रशासन, न राजनैतिक, वरुण गांधी पीलीभीत में थे। मैं उनके पास गया अपनी विपदा बतलाया, उन्होंने जिलाधिकारी, कप्तान से कड़े लहजे में बात करने हुये न्याय करने का निर्देश दिया। उनके कारण मुझे मेरी प्रॉपर्टी वापस मिली, नहीं तो मैं परिवार समेत पीलीभीत छोड़ कर जाने का मन बना लिया था। भाजपा ने देवता का टिकट काटा है। पूरनपुर के सरदार जसबीर सिंह ने कहा कि अजी हम लुटेरों को वोट नहीं देंगे।ऐसे-ऐसे लोगों को भाजपा ने शामिल कर लिया है कि "कल तक जो लोगों को तबाह करते थे आज भाजपा का झंडा लगा कर जनसेवक बन गये हैं"। गरीब ठेला लूटने वालों के कहने पर हम वोट नहीं देंगे। पीलीभीत में जिला सेवायोजना कार्यालय पर बरखेड़ा-बीसलपुर से युवाओं रामप्रकाश पाल और वीरेंद्र सिंह ने कहा हम तानाशाही का जवाब देना जानते हैं। हम लोग वरुण गांधी के सहयोग से तैयारी कर रहे थे। पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने के कारण हम सड़क पर टहल रहे हैं। भाजपा के लोगों में बेरोजगार युवकों को हताश कर दिया। इतनी बार पेपर लीक हो गया कि युवाओं का हौशला ध्वस्त हो गया। हम भाजपा को हराने के लिये पूरे चुनाव परिश्रम करेंगे। युवाओं से घूम-घूम कर एक ही अपील कर रहा हूँ कि केंद्र में ऐसी सरकार को बिठाओ जो नौकरी दे। नौकरी छिनने वालों की छुट्टी करो।