लखनऊ
*राघव चड्ढा का आंख का इलाज मात्र एक बहाना, वस्तुत: विदेशी साजिश के तहत मोदी हैं निशाना
पूर्व आइ पी यस और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी डा विक्रम सिंह का मानना है कि भारत के विरूद्ध बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है
राघव चड्ढा का आंखों के इलाज के लिए लंदन जाना एक बहाना है,असली तीर तो मोदी निशाना है.
खालिस्तानी समर्थक एमपी प्रीत गिल प्रीति के गिल के साथ MI5 और CIA हेड क्वार्टर के पास दिखाई देना,
बराक हुसैन ओबामा का लंदन में होना...
फोर्ड फाउंडेशन,
रॉकफेलर फाउंडेशन,
सोरोस के ओपन सोसायटी फाउंडेशन का भारत के दर्जनों NGOs,
जिनमें केजरीवाल अरविंद केजरीवाल के कई NGO भी शामिल हैं, को भर भर कर मदद देना, चुनाव के ही मौके पर ही पंजाब के तथाकथित किसानों का आन्दोलन का होना,
केजरीवाल के घर में ईडी अफसरों के सर्विलेंस के लिए उनका डिटेल कागजों का मिलना, किसी बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है।
लोगों का पूरा अनुमान था कि शराब घोटाले के लिए केजरीवाल को यदि गिरफ्तार करना भी है तो वह चुनाव बाद होगा, लेकिन उसकी अचानक गिरफ्तारी के पीछे और भी बहुत कुछ है।
केजरीवाल ने बहुत पहले ही स्क्रिप्ट तय कर ली थी अगर उसकी गिरफ़्तारी होती है तो उसकी खबर विदेशी मीडिया में भी चलाई जाए... और इसके लिए केजरीवाल ने विदेशी मीडिया को बहुत बड़ी रकम चुकाई है.. चड्ढा का विदेश में होना यहीं दर्शाता है..
पहले तो, इन पश्चिमी देशों की गोरों का विरोध करता हूं कि, यह लोग खामखा दुसरे देशों की आंतरिक मामलों में बीना पूछे अपना टांग अड़ाकर अपने स्थान_विशेष की खुजली मिटाने के लिए उकसाते रहते हैं.
लेकिन मुझे इस बात को लेकर भी अच्छा लग रहा है कि, अब भारत में एक कौवा भी उड़ जाती है तो, वह अतंरराष्ट्रिय खबर बन जाती है.
भारत में हो रहे पल पल की घटनाओं का असर अब पूरे विश्व में हो रही है.
जैसे कि पहले अमेरिका और पश्चिमी देशों के हर एक खबरों का असर पूरी दुनिया पर होती थी.
चलिए अब पोस्ट की विषयवस्तु पर चलते हैं, 10 जनपथ और जॉर्ज सोरोस की मिश्रण में जो ईको सिस्टम की टूलकिट गैंग भारत में रह रहे हैं,
उन्होंने आज केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा जर्मनी के विदेश मंत्री के सामने उठाया है !?
क्योंकि वैश्विक वामपंथी नक्सली जॉर्ज सेरोस,
मोदीजी को वैश्विक मंचों पर एक तानाशाह के रुप में पेश करने में कोई कोताही नहीं बरत रही है.
आज जब जर्मन विदेश मंत्रालय से, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया गया.
जर्मनी ने इसे राजनीति से प्रेरित कहने से साफ साफ इनकार कर दिया है.
जर्मनी का कहना है कि भारत स्वतंत्र न्यायपालिका वाला एक लोकतांत्रिक देश है.
केजरीवाल पर भी अन्य लोगों की तरह ही वही कानून लागू होते हैं, जैसे एक आम नागरिक पर होता है.
मुझे लगता है, यह एक परिपक्वता भरा वक्तव्य है. लेकिन यहां जर्मनी को साफ साफ मना कर देना चाहिए था कि,
यह भारत की आतंरिक मामला है, हम उस पर किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं कर सकते.