लखनऊ
बेटी दो कुल और बेटा एक कुल तो तरता है, झांसी में ऐसा ही हुआ। शिक्षा का असर साफ दिख रहा है।बताते हैं कि बेटी जब शिक्षित होती है तो दो परिवारों का नाम रोशन करती है. कुछ ऐसा ही संदेश देती है झांसी की इस युवती की कहानी. हुआ यूं कि 22 फरवरी को यूपी बोर्ड एग्जाम शुरू हुए तो झांसी जिले के एक एग्जाम सेंटर पर एक युवती दुल्हन की तरह सज-धजकर परीक्षा देने पहुंची. नाक में नथ, हाथों में चूड़ियां, माथे पर बेंदी और लाल साड़ी में सजी दुल्हन को एग्जाम सेंटर पर देखकर लोग हैरान रह गए. एग्जाम खत्म होने के बाद जब छात्रा की सच्चाई पता चली तो सभी लोग छात्रा की जुनून और परिवार वालों के सपोर्ट की तारीफ करते नहीं थक रहे थे.
दुल्हन की तरह सजधज कर परीक्षा देने पहुंची छात्रा ने अपना नाम कशिश अहिरवार बताया. कशिश अहिरवार का झांसी के भट्टा गांव में मायका है. वह इंटरमीडिएट की छात्रा है और आज उसका नागरिक शास्त्र का पेपर था. छात्रा का सपना है कि वह पढ़कर डॉक्टर बने. इस सपने को पूरा करने के लिए मायके और ससुराल पक्ष दोनों ही उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं.
कुछ दिन पहले हुई थी शादी
18 फरवरी को उसका विवाह झांसी में शहर कोतवाली क्षेत्र के पंचवटी के पास रहने वाले अमर अहिरवार के साथ हुआ था. विवाह के 3 से 4 दिन बाद ससुराल से लेने के लिए मायके वाले आ रहे थे. मायके जाने से पहले उसने पहले अपना इंटरमीडिएट का पेपर देने की बात अपने पति और मायके वालों को बताई तो रस्मोरिवाज के मुताबिक उसे ससुराल के नये घर से सज-धजकर जाना पड़ा.
यह शिक्षा,संस्कार और स्नान संस्कृति की अनुपम भेंट है।