जिस शिलाखंड से अयोध्याधाम में *श्रीराम विग्रह ,उसको निकालने वाले *नटराजन पर अवेध खनन का आरोप कर्नाटक सरकार का, अस्सी हजार जुर्माना भी

बस्ती/वशिष्ठ नगर 


सबको पता है की राम ही सत्य है, राम ही सब कुछ है, विद्वानों ने भगवान के विग्रह के रूप में राम को ही सम्मान दिया है अर्थात *रामो विग्रहवान धर्म:परंतु कांग्रेस पार्टी जो परंपरागत शाश्वत रूप से राम विरोधी है, संस्कृति विरोधी है ,देश विरोधी है और समाज विरोधी है। उसने एक नया अभूत पूर्व अपराध अपने खाते में दर्ज कर लिया ।वह अपराध है रामलला की मूर्ति के लिए नेपाल से कर्नाटक से जो शिलाखंड मांगए गए उन शिलाओ  में  कर्नाटक के शिला खंड को विशेषज्ञों ने रामलला के *विग्रह के लिए सर्वोत्तम माना।

बताते हैं कि रामलला के विग्रह के लिए कर्नाटक से जो शिला खंड आया उसको कर्नाटक के भक्त *श्रीनिवास नटराजन ने  खोजा था। जिसे मूर्तिकार *योगीराज ने मूर्त रूप देकर अपना नाम कमाया ।यह सत्य है महर्षि वशिष्ठ ने कहा था हानि लाभ जीवन मरण जश अपयश विधि हाथ ।परंतु श्रीनिवास नटराजन को  लाभ नहीं मिला यश भी नहीं मिला ।उनको मिला तो केवल अपमान । और अपमान  ऐसा  जिसकी जितनी भी निंदा कर्नाटक सरकार की की जाए वह कम है ।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने श्रीनिवास नटराजन को जिन्होंने पत्थरों के बीच से शिलाखंड को चयनित करके निकाला था ।अवैध खनन के आरोप में कर्नाटक सरकार ने उनके ऊपर ₹80000 का जुर्माना लगा दिया जिसे नटराजन ने बताते हैं कि अपनी पत्नी के जेवर  बेच करके सरकार के खाते में जमा किया।

 यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र जिसने नटराजन से इतनी लंबी चौड़ी राशि अवैध खनन के आरोप में ले लिया। उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के जिम्मेदार लोगों को साथ श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के लोगों को श्रीनिवास नटराजन की क्षतिपूर्ति को करना चाहिए। जिन्होंने अपनी पत्नी के जेवर चुका कर श्री राम के विग्रह के लिए₹80000 चुकाया इन लोगों को छात्रवृत्ति के रूप में देना चाहिए अन्यथा नटराजन जैसे लोग कांग्रेसी दैत्यों  के हाथ प्रताड़ित होते रहेंगे और हम श्री अयोध्या में रामलला का दर्शन करते रहेंगे ।

असली यश तो नटराजन को मिलना चाहिए और इसका सम्मान की असलीहक ।जिन्होंने उसे शिला खंड को खोजा वह वही  शिला खंड है जो ईश्वर के रूप में प्रतिष्ठित करने वाले योगीराज सम्माननीय तो है ही लेकिन किसी भी प्रकार से नटराजन का योगदान कम नहीं है।

सबको पता है रामलला की मूर्ति योगीराज जी ने बनाई लेकिन वह शिला श्रीनिवास नटराजन जी ने खोजी ।

और अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने श्रीनिवास नटराजन जी के ऊपर अवैध खनन का आरोप लगाते हुए 80000 रुपए का जुर्माना लगा दिया जिसे नटराजन जी ने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखकर भरा।



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