बस्ती,लखनऊ
लाख आवारा कुत्ते घूम रहे हैं यह राह चलते किसी को भी अपना निशाना बना देते हैं लेकिन भारी भर कम बजट खर्च करने वाला योगी का पशुधन मंत्रालय और जिलों के जिला पशुधन अधिकारी आंख बंद कर सामाजिक अपराध के लिए जिम्मेदार बना रहे हैं ।
हम पुलिस के आंकड़े के अनुसार अकेले कानपुर में 15 महीने में आवारा जानवरों ने 13 लोगों की जान ली यही हालत यही हालत संपूर्ण उत्तर प्रदेश में है विशेष कर बस्ती जनपद में कचहरी और आसपास के इलाकों में इतनी ज्यादा बंदरों का आतंक है कि वह छोटे बच्चों को भी परेशान करने से नहीं चूकते और जो घरेलू वाटिकाए हैं उन वाटिकाओं को भरपूर नुकसान पहुंचाने में बंदर कोई कसर नहीं छोड़ते ।यद्यपि बस्ती जनपद में सांडों के घूमने पर काफी मात्रा में रोक लगी हुई है फिर भी संपूर्ण उत्तर प्रदेश के हिसाब से आए दिन एक विशेष प्रकार के कुत्ते पिटबुल जिस तरह से युवाओं को बच्चों को काट खा रहे हैं वह भी चिंता की बात है ।
आवारा जानवर चाहे कुत्ते हो और चाहे बंदर हो इंसानों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बन चुके हैं गली मोहल्ले में आम बात हो गई है रास्ता रुक जाता है और बंदरों ने तो बकायतें भोजन की थाली भी लोगों का निवाला भी छीन रहे हैं।
श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या के सच्चे होने के कारण बस्ती पर बंदरों की विशेष आतंकी कृपा बरसती है। बगल में मनकापुर का जंगल बस्ती के लोगों को परेशान करने के लिए काफी है ।बताते तो यह भी है लोग का अयोध्या से रातों-रात में बंदरों को ट्रैकों में भरकर छावनी और कप्तानगंज के आसपास रात में छोड़ दिया जाता है यह बंदर आए दिन हर नागरिक के लिए मुसीबत बन रहे हैं ।
उत्तर प्रदेश सरकार को इस भयानक त्रासदी से छुट्टी देने के लिए एक ही उपाय है की आवारा पशुओं का और आवारा बंदरों और कुत्तों का बंध्याकरण कराए बिना समाधान संभव नहीं है योगी सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।