फिर दिल दहालदेने वाली घटना के मुहाने पर रुदौली पुलिस!!समाधान की जगह कमाल पर विश्वाश


- मामला फंसते देख जमीन के लिए रुपये देने वालों ने बिना रजिस्ट्री कराए कर लिया कब्जा
- समाधान की जगह कास्तकार, बिचौलिए और व्यापारियों से पुलिस करा रही पंचायत



बस्ती/रुधौली।
 दंपती के जहर खाकर जान देने की दिल दहला देने वाली घटना के बाद भी रुधौली में जमीन के बिचौलियों पर रत्ती भर फर्क नहीं पड़ा है। अब भी वे कास्तकारों और खरीदारों को उलझाकर अपना उल्लू सीधा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। नया मामला दूसरे की जमीन बताकर 20 लाख रुपये के लेनदेन का सामने आया है। जिसमें बिचौलिए ने अपनी चाची की जमीन बताकर कस्बे के दो व्यापारियों से 35 लाख रुपये में सौदा करवा दिया। जिसमें से 20 लाख रुपये दिलवा भी दिए। मगर जमीन के असली मालिक को सौदे की जानकारी ही नहीं होने पाई।
मौके की नवैयत समझने वाले कस्बे के लोगों का कहना है कि अगर इस प्रकरण का सूझबूझ से जल्द पटाक्षेप नहीं हुआ तो यह बड़ी घटना होते देर नहीं लगेगी। यह जमीन तहसील मुख्यालय के पास स्थित एक पेट्रोल पंप के सामने की है। जिसके लिए बिचौलियों के जरिए 20 लाख ले लिए गए हैं। अब पता चल रहा है कि जिसने रुपए लिए,उसकी जमीन ही नहीं है। जिसकी जमीन है उसे इस सौदे की जानकारी ही नहीं है। कस्बे के व्यापारी परेशान होकर पुलिस के पास गए तो कार्रवाई के बजाय लगातार पंचायत करा रही है।

रुपये देकर फंसे कस्बे के अखिलेश सोनी और गणेश सिंह ने तीन सितंबर को आईजीआरएस के माध्यम से इसकी शिकायत भी की है। जिसमें बताया कि 15 जुलाई को थाना क्षेत्र के मैनी निवासी हामिद शाह ने उनके सामने रुधौली मुख्य बाजार में पेट्रोल पंप के सामने स्थित एक साढ़े छह मीटर चौड़ी तथा 18 मीटर लंबी जमीन को खरीदने का प्रस्ताव रखा। जमीन के बारे में पूछने पर हामिद ने बताया कि वह जमीन उसकी चाची मजीदुन्निशा की है।

बताया कि बिचौलिए हामिद शाह ने मोबाइल फोन से जमीन की मालिक मजीदुन्निशा तथा उससे जुड़े मैनी निवासी निजाम शाह तथा वसीर अहमद से बात करके 35 लाख रुपये में सौदा तय किया। इसके बाद अखिलेश और गणेश ने 19 लाख 57 हजार रुपये थोड़ा-थोड़ा करके कई बार में निजाम शाह के खाते में भेज दिया। इसके अलावा दोनों ने कुछ पैसे जमीन का सौदा तय कराने वाले हमीद शाह को नगद दिए। 20 लाख रुपये से अधिक धनराशि देने के बाद जमीन का बैनामा कराने की बात कही गई तो हामिद शाह टाल-मटोल करने लगा।


समझौता भी हुआ पर मुकर गए
- इस मामले में शिकायत होने के बाद 10 सितंबर को बिचौलिए हामिद शाह को थाने पर बुलाया गया। उसने 20 सितंबर तक का समय मांग कर जमीन का बैनामा कराने का लिखित समझौता किया। लेकिन इसके बाद भी जमीन की लिखा पढ़ी नहीं हो पाई। इधर, रुपये देकर फंसे व्यापारियों ने सोचा कि जमीन किसी और के हाथ न बिक जाए,इसलिए बिना रजिस्ट्री कराए ही उस जमीन पर कब्जा कर लिया। इसकी जानकारी होने पर जमीन के असली मालिक भी रुधौली पुलिस के पास कब्जा खाली करने की शिकायत लेकर पहुंचे। पशोपेश में फंसी पुलिस व्यापारी बिचौलिए एवं जमीन के असली मालिकों के बीच लगातार पंचायत करवा रही है।

सभी पहलुओं की ली जा रही है जानकारी.. दरोगा 

प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र बताया कि जमीन के लिए पैसा देने का मामला संज्ञान में आया है। प्रकरण के सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। सभी पक्षों से बातचीत करके तथ्य जुटाया जा रहा है कि वास्तव में किसने वादा खिलाफी की। किसका दावा सही है और कौन बात को घुमा फिराकर पेश कर रहा है। इस आधार पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।भाजपा जिला उपाध्यक्ष तथा प्रभारी निरीक्षक में चुकी है तकरार
- जमीन के लेनदेन के प्रकरण में व्यापारियों की तरफ से जमीन के मालकिन मजीदुन्निशा के बेटे अकरम को भी पांच लाख नगद देने की बात कही जा रही है। लेकिन साक्ष्य के अभाव में प्रभारी निरीक्षक रुधौली और अकरम इस लेनदेन को मानने से इनकार कर रहे हैं। इसी बात को लेकर भाजपा जिला उपाध्यक्ष रवि प्रताप सिंह एवं प्रभावी निरीक्षक दिनेश चंद्र के बीच गत 29 अक्तूबर को तकरार भी हुई थी।

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