भ्रष्टाचार की होड़ में सबसे आगे स्वास्थ्य विभाग बिना गोसयां का है. खुद बीमार फिर इलाज किसकी और कौन करे

 बेलगाम मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिये

हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया,

इवेंट मूड में डूबे उपमुख्यमंत्री धरातल पर फुस्स, सोशल मीडिया में भारी!


प्रयागराज


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रयागराज सहित यूपी के अन्य जिलों में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सहित मच्छरों से फैली बीमारियों पर अंकुश लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार के अधिकारियों पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि बीमारी पर नियंत्रण के लिए ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

 कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कि वह इस मामले में ठोस कार्रवाई करें और मच्छर जनित बीमारियों से लोगों को बचाए। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। बता दें कि 2022 में भी हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेकर मच्छर जनित रोगों से निपटने में लचर रही यूपी सरकार से पूछा था कि "मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिये क्या इंतजाम किया।


इसके पहले सुनवाई के दौरान न्यायमित्र व इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव नितिन शर्मा ने कोर्ट को जानकारी दी की अधिकारियों द्वारा मच्छरों पर काबू पाने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में फ़ांगिंग नहीं कराई जा रही है। जहां, फागिंग हो भी रही है, उसमें डीजल का प्रयोग किया जा रहा है। जिसका, असर मच्छरों पर नहीं पड़ रहा है।बता दें कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जिनके पास स्वास्थ्य, चिकित्सा, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग होने के बाद से विगत दो वर्षों से मच्छर जनित बीमारियों से हुई मौतों से लोगों में दहशत बढ़ गयी है। ऊपर से चारों ओर इतनी बदइंतजामी है कि कोई किसी का हाल भी जानने को तैयार नहीं है।

 अज्ञात बुखार, मच्छर जनित रोगों से लोग भाग्य भरोसे जूझ रहे हैं।अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। इवेंट मूड में डूबे रहने वाले उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक यह भूल जाते हैं कि कोरोना जैसे विश्वव्यापी महामारी के समय योगी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर टिप्पणी कर, पत्र लिख सस्ती लोकप्रियता हाशिल करने की बार-बार कोशिश कर रहे थे। अब जब उनके पास स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी आ गयी तो दो साल से उनकी व्यवस्था पर हाईकोर्ट फटकार लगा रहा है। वह कभी दूसरे प्रदेशों में हो रहे चुनाव के इवेंट में रहते हैं या उद्घाटन और समारोहों में फोटो खिंचवाने और उसे सोशल मीडिया में लोड करने की होड़ में रहते हैं।

उत्तर प्रदेश उप मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री श्री बृजेश पाठक स्वास्थ विभाग को चलाने में नीति और  नियति दोनों  खराब है .प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर  डीजीजी कार्यालय तक  बिना उत्कोच के कोई काम संभव  हीनहीं है. योगीराज के मंत्री परिषद सबकी हाल-चाल लेने वाला स्वास्थ्य विभाग  रहा  खुद बीमार चल रहा है.आधी समस्या का समाधान यह विभाग दे सकता है पर भ्रष्टाचार की होड़ में सबसे आगे है,ऐसा लगता है स्वास्थ्य विभाग बिना गोसयां का है.

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