घर-घर मे बेरोजगार, लेकिन चुनावी रेवड़ी के चक्कर में नौकरी नहीं दे रही सरकार-वरुण गांधी

 

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कौटिल्य वार्ता


 भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव व पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने डबल इंजन की सरकार को बेरोजगारी, बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे और सिख समाज की समस्याओं को लेकर जोरदार हमला किया। संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के दो दिवसीय दौरे पर आये थे। उन्होंने कहा कि देश में एक करोड़ सरकारी पद खाली हैं। घर घर में बेरोजगार हैं तो नौकरियां क्यों नहीं दे रहे, ताकि पैसा बचाकर चुनाव में रेवड़ियां फेंकी जाएं। आटा-चावल मुफ्त में दिया जाये। राजनीतिक में भ्रष्टाचार बहुत घुस गया है। मैंने आज तक सांसद की तनख्वाह तक नहीं ली है। सरकारी गाड़ी से नहीं चलता हूं। लाभ लेने लगूंगा तो मन की बात बोल नहीं पाऊंगा। स्थानीय भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जिले के अन्य नेताओं को देखिए। सबने बनने के बाद अपना कितना फायदा किया। उनकी पहले स्थिति क्या थी और आज की स्थिति देखिए। 

उन्होंने कहा कि वरुण गांधी को छोड़कर पीलीभीत के सभी नेता कमीशन खाते हैं, यह सब जनता का पैसा है। मुझे दिखावे की राजनीतिक नहीं करनी। ऐसी राजनीतिक करना है, जिसमें आप लोगों का हिस्सा हो। एक जमाना था, जब उसूलों की राजनीतिक होती थी। देश का नेता कैसा हो महात्मा गंधी या भगत सिंह जैसा हो नारे लगते थे, लेकिन आज का नारा है, देश का नेता कैसा हो, जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो।

युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। पहले इतनी परीक्षाएं होती थीं लेकिन अब जो परीक्षा में बैठता है तो तीन साल बाद रिजल्ट आता है। आधे पेपर तो कैंसिल हो जाते हैं। पहले इतनी नौकरियां होती है, लेकिन अब सब सिकुड़ गई हैं, क्योंकि सब प्राइवेट को बेच दिया है। प्राइवेट वाले दिल्ली-मुंबई के लड़के को रखेंगे या स्थानीय लड़के को। बड़े-बड़े उद्योगपतियों को 10-20 हजार करोड़ का लोन मिलता है, लेकिन यहां आम आदमी के दो लाख का लोन मिलने में प्राण निकल जाते हैं। मैं दो हिंदुस्तान को नहीं देखना चाहता, जिसमें एक हिंदुस्तान के बच्चे विदेश में पढ़ें और नौकरी पाएं। दूसरे हिंदुस्तान में बच्चों के सपने छोटे हो, स्वास्थ्य भी ठीक न हो। नौकरी भी न मिल पाए। सिकुड़ सिकुड़ कर जीवन कटे।

सिख समुदाय के कार्यक्रम में पहुंचे तो बोले कि देश की आजादी में सिख समुदाय का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सिख समुदाय में जरूर कोई खासियत हैं, उनके नाम के आगे जी लगता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास हर जाति-धर्म के लोग नौकरी व काम के लिए आते हैं, लेकिन किसी सिख ने कभी नौकरी के लिए हाथ नहीं फैलाए। पूरनपुर क्षेत्र में बाढ़ और कटान की समस्या का स्थायी निराकरण न होने के विरोध में चंदिया हजारा में चल रही क्रमिक भूख हड़ताल रविवार 21वें दिन जारी रही। धरना स्थल पर पहुंच कर चेनेलाइजेशन को स्वीकृत दिलाने का आश्वासन दिया। दो अक्तूबर के बाद एक प्रतिनिधि मंडल को दिल्ली बुलाया गया है। कहा कि प्रतिनिधि मंडल के साथ चेनेलाइजेशन को स्वीकृत क्यों नहीं मिल रही इसकी जानकारी कर एनओसी दिलाने की कोशिश की जाएगी।

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