दीवानी अधिवक्ता का कमाल.. वरिष्ठ अधिवक्ता को स्वार्थ में दिखा दिया मरा

 बस्ती


अपने स्वार्थ कोई कहां तक नीचे गिर सकता है उसकी मर्यादा तार-तार हो सकती है और समाज की निगाह में वह एक प्रदूषित व्यक्ति सिद्ध हो सकता है, इसकी चिंता किए बिना दीवानी न्यायालय के एक अधिवक्ता राधेश्याम शुक्ल द्वारा  कूट रचित करके उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष के सामने श्री गोमती प्रसाद मिश्र वरिष्ठ अधिवक्ता को मारा दिखाकर उसकी जगह पर वकीलों के लिए बनी एल्डर कमेटी वरिष्ठ लोगों की सूची में से नाम हटाने का आग्रह किया.

 बिना जांच पड़ताल के गैर जिम्मेदारी का परिचय देते हुए बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गोड ने आनंन-फा नन में राधेश्याम की कूट रचना को सही मानते हुए उनकी जगह पर अन्य नाम राधेश्याम शुक्ल के ही सुझाव पर लिख डाले. इस कूट रचना की जानकारी होने पर आज वरिष्ठ साहित्यकार वरिष्ठ बुद्धिजीवी और एल्डर कमेटी के सदस्य श्री गोमती प्रसाद मिश्र ने एक विज्ञप्ति देकर बार काउंसिल के अध्यक्ष को ठीक करते हुए अपने को स्वस्थ और जीवित होने की विज्ञप्ति जारी की श्री मिश्र के अनुसार संभव है कूट रचना में कुछ वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल हो जिनका स्वार्थ इनके रहने से टकराता हो श्री मिश्र सिविल बार के मेंबर भी हैं और वरिष्ठ अधिवक्ता होने के साथ ही साथ आज भी वह प्रबुद्ध क्षेत्र में एक प्रभावी भूमिका रखते हैं .

उन्होंने बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव प्रकाश गोड़ को पत्र लिखकर के कहा है कि गुमराह करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें और मेरे नाम को एल्डर कमेटी में यथावत बनाए रखने के लिए निर्देश दें.

 क्योंकि इस समय बस्ती बार एसोसिएशन का चुनाव चल रहा है इसलिए झूठ को सही और सही को झूठ करने के लिए अधिवक्ताओं का वर्ग परस्पर अपने-अपने स्वार्थ से टकराकर एक दूसरे को नीचा दिखाने और गलत से गलत कार्य करने पर आमादा हो गया है श्री गोमती प्रसाद मिश्र ने आज कचहरी में तमाम वरिष्ठ लोगों से मिलकर अपने जीवित होने का सत श्री प्रमाण पत्र भी दिया.

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