लखनऊ,
कौटिल्य वार्ता
उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग सहित अनेक विभागों में बाहरी लोगों के साथ काम करने और कराने का एक नया प्रचलन चल रहा है. प्राय: देखने में आता है बाबू चाय और पानी की दुकानों पर व्यस्त रहते हैं और दलाल फाइल लेकर के फोटो कॉपी कर करके संबंधित लोगों को उपकृत करते हैं .यह सब संपूर्ण प्रदेश में टैक्स वाले विभागों में सप्लाई विभागों या आर टी ओ में या इस तरह के खनन विभागों में सामान्य बात हो गई है .जांच में आया है कि विभागीय अधिकारी कर्मचारी विभिन्न ऊप मंडलीय कार्यालय में निजी लोगों से दफ्तर का काम करवा रहे हैं.
यह निजी लोग संवेदनशील फाइलों को लेकर के लेनदेन तक का काम करते हैं इसे गंभीरता से लेते हुए अपर आयुक्त प्रशासन रिया केजरीवाल ने सभी संयुक्त आयुक्तों से निजी लोगों से काम न करने का प्रमाण पत्र तलब किया है ,इसके बाद भी कार्यालय में निजी व्यक्ति काम करते पाए जाएंगे तो संबंधीट अधिकारी और उनके कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो जाएगी . सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले कर विभागों में भ्रष्टाचार और टेस्ट की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं.
विभाग में तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने वसूली के लिए निजी हाथों में दे रखा है. इन करिंदों के पास न सिर्फ न सिर्फ विभाग की पासवर्ड है बल्कि कारोबारी से की गई वसूली के जिम्मेदार भी थी हैं. शिकायतों ने बताया कि अधिकारियों के निजी कर्मी कार्यालय धमकी देते हैं और उसे करते हैं संवेदनशील फाइल है उन्हीं के पहुंच में रहती हैं और लिपिक सेवा संघ ने 16 सितंबर को पहली बार परीक्षा हुई थी. राज्य कर आयुक्त ने इस पत्र में आरोप लगाया था विभिन्न योजना अधिकारियों में बाहरी व्यक्तियों से कार्य कराया जा रहा है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हालत में निजी व्यक्तियों से कम न कराया जाए, अगर कहीं इस तरह की जानकारी मिली तो संबंधित अधिकारी उसके लिए जिम्मेदार होंगे .
सभी अधिकारियों से प्रमाण पत्र देने को कहा गया है कि उनके विभाग में किसी भी प्रकार का कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं प्रचलन में है जो सरकार के नियमों के विपरीत हो .यह हालत राज्य परिवहन निगम व अन्य सभी विभागों में भी यही प्रचन है.